Volume 4, Issue (2), Pages 1-44, December (2015) |
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1 . |
सम्पादकीय: डॉ.पुष्पेंद्र दुबे, 4(2),1 - 1 (2015) |
2 . |
कबीर की प्रासंगिकता : आधुनिक परिप्रेक्ष्य में प्रा. महिमनराम जी॰ पंडया, 4(2),2 - 5 (2015) |
3 . |
साहित्य में नारी विषयक अवधारणा: ऐतिहासिक दृष्टि चन्द्रकान्त तिवारी, 4(2),6 - 14 (2015) |
4 . |
धर्मवीर भारती के मिथकीय काव्यों में स्त्री पात्रों का चरित्रांकन डॉ. रीता तिवारी, 4(2),15 - 23 (2015) |
5 . |
उत्तर शती का हिंदी साहित्य और बदलता भारतीय परिवेश ( ग्राम जीवन तथा हिंदी उपन्यास साहित्य के विशेष संदर्भ में ) डॉ. सुनील बाबुराव कुलकर्णी, 4(2),24 - 34 (2015) |
6 . |
लैंगिक असमानता: समस्याएँ एवं समाधान प्रो.बनवारी लाल जैन, 4(2),35 - 40 (2015) |
7 . |
पंचायतीराज प्रणाली: वैदिक और वनवासी समानताएँ डॉ. सुरेश काग, गिरधारीलाल भालसे 4(2),41 - 44 (2015) |
8 . |
Job-Satisfaction And Work Motivaion of Teacher Educators Working In Private Institutions Dr. Balbir Singh Jamwal 4(2),45 - 48 (2015) |
Editorial