खोज का परिणाम |
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1 . |
राजभाषा हिंदी कार्यान्वयन:प्रमुख प्रयास, समस्याए एवं सुझाव डॉ.जोगिन्द्र कुमार यादव, 1(1),2 - 9 (2012) |
2 . |
कविता: शिल्प और सोंदर्य डॉ.पदमासिंह, 1(1),10 - 13 (2012) |
3 . |
शमशेर के काव्य में 'शब्द विचलन' अरविन्द कुमार यादव, 1(1),14 - 20 (2012) |
4 . |
मुरेना जिले के लोक बाल पर्व:सांझी,टेसू और झांझी डॉ भूपेन्द्र हरदेनिया, 1(1),26 - 31 (2012) |
5 . |
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अनुवाद का महत्व एवं प्रासंगिकता डॉ.जोगिन्द्र कुमार यादव, 1(2),3 - 10 (2012) |
6 . |
शमशेर के काव्य में भाषा-शैलीगत तत्व अरविन्द कुमार yadav, 1(2),20 - 25 (2012) |
7 . |
हिंदी भाषा की अस्मिता : हिंदी में रोजगार की संभावनाए प्रो. माधुरी गोडबोले, 1(2),31 - 36 (2012) |
8 . |
समकालीन कवि 'अरुण कमल ' के काव्य में पर्यावरणीय बोध डॉ. भूपेन्द्र हरदेनिया, 1(3),8 - 12 (2) |
9 . |
शमशेर की कविताओ की भाषिक - संघटना एवं व्याकरणिक आयाम अरविन्द कुमार यादव, 1(3),21 - 29 (2) |
10 . |
उत्तर -आधुनिकता का कबीर : मनोहरश्याम जोशी दिनेश मोर्य, 1(3),30 - 33 (2) |
11 . |
नयी कविता और शमशेर बहादुर सिंह अरविन्द कुमार यादव, 1(4),9 - 13 (2013) |
12 . |
साहित्य और समाज का अन्तर्सम्बंध प्रो. पुष्पेन्द्र दुबे, 1(4),14 - 19 (2013) |
13 . |
हिन्दी दलित साहित्य में समाज, संस्कृति एवं संघर्ष डॉ. जोगिन्द्र कुमार यादव, 1(4),20 - 25 (2013) |
14 . |
रामकुमार वर्मा की काव्य रचना – प्रक्रिया डॉ. भूपेन्द्र हरदेनिया, 1(4),26 - 29 (2013) |
15 . |
बद्री सिंह भाटिया के कथा – साहित्य का समाजशास्त्रीय अध्ययन डॉ. जोगिन्द्र कुमार यादव, 1(5),10 - 18 (2013) |
16 . |
प्रयोजनमूलक हिन्दी के विविध आयाम तेजाभाई पटेलिया, 1(5),19 - 21 (2013) |
17 . |
नागार्जुन के उपन्यासों में राजनीतिक चेतना शोभा बिसेन, 1(5),35 - 38 (2013) |
18 . |
तुलनात्मक साहित्य में अनुवादक की भूमिका प्रा.तेजाभाई एन.पटेलिया, 1(6),10 - 13 (2013) |
19 . |
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के साहित्य में मानवतावाद प्रा.पटेल सुरेश भाई एच., 1(6),14 - 18 (2013) |
20 . |
संपर्क भाषा हिन्दी और मीडिया डॉ संध्या गंगराडे, 1(6),19 - 23 (2013) |
21 . |
छायावाद और महादेवी वर्मा की कविता डॉ. सुनील बाबुराव कुलकर्णी, 1(6),24 - 28 (2013) |
22 . |
भक्ति परम्परा का समाज निर्माण में योगदान मोहिनी गुप्ता, 1(7),15 - 17 (2013) |
23 . |
सिक्कों के आधार पर इतिहास की संरचना यादव राकेश पारसनाथ, डॉ. अजीत कुमार यादव, 1(7),26 - 30 (2013) |
24 . |
केशवकृत 'रामचन्द्रिका' में भाव सौंदर्य डॉ. बबीता सकवार (बुनकर), 1(7),31 - 36 (2013) |
25 . |
भारतीय साहित्य में सांस्कृतिक समन्वय डॉ दिवाकर गरवा, 1(8),27 - 32 (2013) |
26 . |
शरद जोशी का व्यंग्य साहित्य : एक अध्ययन (यथा संभव के सन्दर्भ में) डॉ पुष्पेन्द्र दुबे, 1(8),33 - 43 (2013) |
27 . |
स्त्री अस्मिता और दिलोदानिश : एक अध्ययन ???? ??? (????????), 1(8),49 - 55 (2013) |
28 . |
घनानंद का संयोग निरूपण डॉ.शिव कुमार व्यास, 1(8),55 - 60 (2013) |
29 . |
प्रेमचंद साहित्य में अछूत समस्या का विवेचन डॉ. मनीष मेश्राम, 1(9),3 - 13 (2013) |
30 . |
हिंदी दलित आत्मकथाओं में दलित संवेदना कु. योगिता रावते (शोधार्थी), 1(9),52 - 56 (2013) |
31 . |
हिंदू धर्म एवं समाज पर हनुमान का प्रभाव डा. तपेश कुमार चौरे (शोधार्थी), 1(9),57 - 62 (2013) |
32 . |
डॉ. मधु धवन : व्यक्तित्व एवं कृतित्व अम्बुजा एन.मलखेडकर, 1(9),64 - 66 (2013) |
33 . |
रमेश सोबती के साहित्य का मूल्यांकन यशवीर दहिया, 1(10),37 - 41 (2013) |
34 . |
स्वास्थ्य संरक्षण में यौगिक आहार की भूमिका डॉ विजय फ्रांसिस पीटर, 1(11),8 - 10 (2013) |
35 . |
प्रेमचंद की कहानियों में दलित चेतना(ठाकुर का कुआं और कफन के संदर्भ में) सुरेश भाई एच.पटेल, 1(11),30 - 33 (2013) |
36 . |
मुंशी प्रेमचंद और दलित विमर्श (गोदान उपन्यास के संदर्भ में) प्रा.तेजाभाई एन.पटेलिया, 1(11),34 - 37 (2013) |
37 . |
जन-कवि दाशरथी शोधार्थी हिंदी (तुलनात्मक साहित्य) आनंद एस., 1(12),10 - 16 (2013) |
38 . |
गुरु ग्रन्थ साहिब में संकलित कबीर की वाणी में समाज सुधार की भावना डॉ शीतल राठौर, 1(12),24 - 26 (2013) |
39 . |
मृदुला गर्ग के कथा साहित्य में शिल्पगत वैशिष्ट्य और भाषा सौष्ठव डॉ संतोष सोलंके, 1(12),38 - 43 (2013) |
40 . |
हिंदी कविता और इतिहास का अन्तर्सम्बन्धष आनंद एस सिरिगिरी, 2(1),12 - 16 (2013) |
41 . |
आधुनिक हिन्दी साहित्य व दलित चेतना अजित कुमार भारती, 2(1),17 - 38 (2013) |
42 . |
हिंदी दलित कविता में यथार्थ विद्या राजेंद्र कलसाईत, 2(1),39 - 40 (2013) |
43 . |
महान संगीतकार अमीर खुसरो प्रो. मंगला जैन, 2(1),47 - 52 (2013) |
44 . |
कबीर का स्त्री संबंधी चिंतन दीप कुमार मित्तल, 2(2),6 - 13 (2013) |
45 . |
संत कबीर के काव्य में सामाजिक चेतना डॉ.शीतल राठौर, 2(2),25 - 28 (2013) |
46 . |
लोक साहित्य में रोजगार की संभावनाएंथ निलेश राउत, 2(2),29 - 34 (2013) |
47 . |
सूरदास और भक्ति रस तरूणा दाधीच, शोधार्थी, 2(2),39 - 44 (2013) |
48 . |
सूर सहित्य में सामाजिकता और प्रगतिशील आलोचना सुश्री प्रेमवती, 2(3),3 - 15 (2014) |
49 . |
कवि, आलोचक एवं साहित्यकार कुमार कृष्ण के काव्य का समाज-सापेक्ष अध्ययन डॉ.जोगिंदर कुमार यादव, 2(3),16 - 28 (2014) |
50 . |
विद्यार्थियों में नुक्कड़ नाटिका की प्रभाविता का स्वास्थ्य जागरूकता के सन्दर्भ में अध्ययन डॉ.लक्ष्मण शिंदे, 2(3),29 - 34 (2014) |
51 . |
गोविन्द मिश्र के कथा साहित्य में आर्थिक चेतना सरिता देवी शुक्ला, 2(3),35 - 39 (2014) |
52 . |
नरेश मेहता के उपन्यास साहित्य में मध्यवर्ग रेखा सैनी,शोधार्थी, 2(3),52 - 58 (2014) |
53 . |
अनुसंसाधन की चुनौतियां एवं सम्भावनाएं डॉ. पद्मा सिंह, 2(4),3 - 7 (2014) |
54 . |
हिंदी अनुसंधान: कल आज और कल डॉ.जोगिन्द्र कुमार यादव, 2(4),8 - 18 (2014) |
55 . |
शोध अध्ययन की मूलभूत आवश्यकता संबंधित सहित्य का पुनरवलोकन डॉ.लक्ष्मण शिंदे, 2(4),19 - 21 (2014) |
56 . |
साहित्य में अनुसंधान और आलोचना गोपाल लाल मीणा, 2(4),23 - 27 (2014) |
57 . |
हिन्दी काव्य में शोध की चुनौतियां एवं संभावनाएं डॉ.अर्चना चतुर्वेदी,प्रो.मोनिका पटेल, 2(4),28 - 31 (2014) |
58 . |
अनुसंधान:चुनौतियां और समाधान डॉ.बलवीर सिंह जमवाल, 2(4),32 - 40 (2014) |
59 . |
हिन्दी निबंध साहित्य व महिला निबंधकार : चुनौतियाँ व समाधान प्रो.माधुरी गोडबोले, 2(4),41 - 44 (2014) |
60 . |
गोस्वामी तुलसीदास और प्रगतिशील आलोचना विशेष संदर्भ: डॉ.रामविलास शर्मा सुश्री प्रेमवती, 2(4),45 - 56 (2014) |
61 . |
साहित्यिक अनुसंधान : चुनौतियां और संभावनाएं डॉ.राजश्री नरवणे, 2(4),57 - 60 (2014) |
62 . |
श्री गुरु ग्रंथ साहिब में निहित संदेश और उसका महत्व डॉ.शीतल राठौर, 2(4),61 - 63 (2014) |
63 . |
गोविन्द मिश्र की कहानियों में स्त्री-अस्मिता सरिता देवी, 2(4),64 - 65 (2014) |
64 . |
विज्ञापन : स्वरूप - विकास एवं महत्व डॉ.वन्दना अग्निहोत्री, 2(4),66 - 69 (2014) |
65 . |
साहित्यिक शोध : अर्थ-स्वरूप एवं पद्धतियाँ विनिता गुप्ता , 2(4),74 - 77 (2014) |
66 . |
उपन्यासकार यशपाल और देश विभाजन की त्रासदी प्रीति सोनी, 2(4),78 - 81 (2014) |
67 . |
बालसाहित्य में स्वास्थ्य विज्ञान डॉ. स्नेहलता श्रीवास्तव, ममता गोखे, 2(4),82 - 86 (2014) |
68 . |
संजीव की आदिवासी संवेदना ज्योति कुमारी मीणा, 2(4),87 - 91 (2014) |
69 . |
समकालीन काव्य और अस्तित्ववाद डॉ.मनीषा शर्मा, 2(4),92 - 94 (2014) |
70 . |
श्री कबीर और कबीर पंथ का संक्षिप्त इतिहास अंजुला शर्मा , 2(4),95 - 99 (2014) |
71 . |
मोहन राकेश के उपन्यास और अस्तित्ववाद डॉ.ममता झाला, 2(4),100 - 104 (2014) |
72 . |
महाभारत के लेखन कार्य में श्रीगणेश के चिन्तन के क्षण डॉ..दीपिका शुक्ला, 2(4),105 - 110 (2014) |
73 . |
पर्यावरण चेतना के विकास में लोक-संस्कृति पर आधारित ललित-निबंधों की भूमिका गजेन्द्र भारद्वाज , 2(4),111 - 112 (2014) |
74 . |
गोंडी लोकगीत एवं उनका महत्व डॉ. लोहारसिंह ब्राह्मणे, 2(4),117 - 125 (2014) |
75 . |
बुद्धचरित में आचार विमर्श डॉ.एस.एस.गौतम, 2(4),127 - 131 (2014) |
76 . |
श्रीलाल शुक्ल के उपन्यासों में भ्रष्टाचार एवं सामाजिक परिवेश कुमारी रूपा, 2(4),132 - 134 (2014) |
77 . |
हिन्दी पत्रकारिता में साहित्यकारों का योगदान डॉ.रूपाली भारद्वाज , 2(4),135 - 137 (2014) |
78 . |
शतपथ ब्राह्मण में यज्ञ भावना वीनु भाई एम.पटेल, 2(4),138 - 140 (2014) |
79 . |
बाल श्रमिक विद्यार्थियों की शैक्षिक समस्याओं का अध्ययन डॉ.राघवेन्द्र हुरमाडे,डॉ. लक्ष्मण शिंदे , 2(4),141 - 148 (2014) |
80 . |
सम्पादकीय : आसमानी और सुल्तानी शक्तियों के बीच पिसता देश का किसान डॉ.पुष्पेंद्र दुबे, 2(5),1 - 2 (2014) |
81 . |
साहित्यिक अनुसंधान डॉ.मंजु तिवारी, 2(5),3 - 5 (2014) |
82 . |
शोध-प्रविधि में विषय-चयन फ़खरून्निसा कादरी एवं रफत जमाल, 2(5),6 - 9 (2014) |
83 . |
समाज-सुधार आन्दोलन में हिन्दी की साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं का योगदान डॉ.पंकज बिरमाल, 2(5),10 - 12 (2014) |
84 . |
अनुसंधान प्रविधि में पांडुलिपि विज्ञान डॉ.शफ़ीकुन्निसां खान, 2(5),13 - 15 (2014) |
85 . |
डॉ.धर्मवीर के दलित विमर्श में कबीर-काव्य का मूल्यांकन सुश्री प्रेमवती, 2(5),45 - 48 (2014) |
86 . |
हिन्दी उपन्यासकार के रूप में शिवानी : एक मूल्यांकन रश्मि छाबड़ा, 2(5),49 - 53 (2014) |
87 . |
अमरकांत की कहानियों में समकालीन परिवेश कु. उषा बुंदेला, 2(5),54 - 56 (2014) |
88 . |
सभक्ति आन्दोलन और मीराँ सुश्री प्रेमवती, 2(6),24 - 27 (2014) |
89 . |
साहित्यिक शोध प्रबन्ध लेखन अर्पणा बादल, 2(6),35 - 40 (2014) |
90 . |
खुसरोकालीन हिन्दी भाषा का स्वरूप प्रो. मंगला जैन, 2(6),41 - 50 (2014) |
91 . |
भाषा और साहित्य का अन्त:संबंध मिलिंद कुमार गौतम, 2(6),51 - 55 (2014) |
92 . |
हिन्दी लघुकथाओं में स्त्री विमर्श एवं माँ का स्वरूप विजया त्रिवेदी, 2(6),56 - 59 (2014) |
93 . |
हिन्दी साहित्य के विकास में जैन धर्म की भूमिका डॉ.गीता कपिल, 2(7),3 - 6 (2014) |
94 . |
हिंदी अनुसन्धान की प्रमुख प्रविधि : व्याख्यात्मक शोध सुनील कुमार यादव , 2(7),21 - 24 (2014) |
95 . |
निर्गुणमार्गी संतों द्वारा वर्णित शब्द-साधना का गवेषणात्मक अध्ययन देवेन्द्र कुमार शर्मा, 2(7),25 - 31 (2014) |
96 . |
बाजारवाद में लोक साहित्य की प्रासंगिकता सरिता विश्नोई , 2(7),40 - 45 (2014) |
97 . |
डॉ शकुन्तला कालरा के बाल साहित्य का प्रदेय रेखा मण्डलोई , 2(7),53 - 59 (2014) |
98 . |
रवीन्द्रनाथ त्यागी के व्यंग्य निबन्धों में राजनीतिक चेतना सन्तोष विश्नोई , 2(7),60 - 65 (2014) |
99 . |
महात्मा गाँधी के शिक्षा दर्शन की प्रासंगिकता हिन्द स्वराज के सन्दर्भ में डॉ.लक्ष्मण शिंदे, 2(7),66 - 71 (2014) |
100 . |
मीडिया और समाज: एक विवेचन उत्तर-आधुनिकतावाद के विशेष संदर्भ में भोजराज बारस्कर , 2(7),72 - 79 (2014) |
101 . |
नरेन्द्रसिंह तोमर : व्यक्तित्व एवं कृतित्व सुरेश सरोठिया, 2(7),80 - 85 (2014) |
102 . |
कथ्य की दृष्टि से डॅा.रामशंकर चंचल का प्रौढ़ साहित्य रागिनी सिंह, 2(7),86 - 91 (2014) |
103 . |
पत्रकारिता में हिन्दी का स्वरूप जयभीम बौद्ध , 2(7),92 - 94 (2014) |
104 . |
वेदकालीन समाज में स्त्रियों की दशा अनीस अब्बास रिज़वी , 2(8),4 - 6 (2014) |
105 . |
हिंदी साहित्य में व्यंग्य की भाषा आरती सेन , 2(8),7 - 15 (2014) |
106 . |
पंचायतीराज अधिनियम में महिलाओं की स्थिति गिरधारीलाल भालसे डॉ.सुरेश काग , 2(8),16 - 19 (2014) |
107 . |
पभारतीय लोकतंत्र में राजनीति का भविष्य अभिनव दिव्यांशु , 2(8),20 - 22 (2014) |
108 . |
शिक्षा और जीवन संबंधी विचार डॉ.बलवीर सिंह जम्वाल, 2(8),34 - 36 (2014) |
109 . |
मैला आँचल में आंचलिकता रतनलाल परमार, 2(8),37 - 39 (2014) |
110 . |
साहित्य अनुसन्धान: चुनौतियाँ और सम्भावनाएं विनीता डोशी , 2(8),40 - 42 (2014) |
111 . |
बौद्ध-दर्शन में अनात्मवाद की अवधारणा डॉ. मनीष मेश्राम, 2(9),2 - 7 (2014) |
112 . |
महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की अवधारणा: एक विवेचन डा.सुरेश काग, 2(9),8 - 11 (2014) |
113 . |
कर्मभूमि उपन्यास में सत्याग्रही पात्र ज्योति द्विवेदी, 2(9),16 - 20 (2014) |
114 . |
लेखन, मूल्य और हम-हशमत कु.चांदनी गोले, 2(9),21 - 26 (2014) |
115 . |
भक्ति सम्प्रदाय का विकास डॉ.शीतल राठौर, 2(9),27 - 29 (2014) |
116 . |
दलित अस्मिता के विविध पक्ष गोपाल लाल मीणा, 2(9),30 - 42 (2014) |
117 . |
हिंदी व्यंग्य साहित्य में युगबोध आरती, 2(9),43 - 48 (2014) |
118 . |
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रति पालकों की जागरूकता का अध्ययन डॉ.राघवेन्द्र कुमार हुरमाडे, 2(9),50 - 53 (2014) |
119 . |
कृष्णा अग्निहोत्री के उपन्यासों में नारी डॉ. गीता कपिल,शशी बाला , 2(10),3 - 7 (2014) |
120 . |
मैत्रेयी पुष्पा के कथा-साहित्य में परंपरा एवं आधुनिकता का द्वंद्व डॉ.विश्वजीत कुमार मिश्र, 2(10),8 - 16 (2014) |
121 . |
भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन व स्त्री संघर्ष: विस्मृति से धरातल तक अजित कुमार भारती , 2(10),17 - 21 (2014) |
122 . |
भारतीय और मध्य एशियाई संस्कृति में ईश्वर और संसार के बीच सम्बन्ध : धार्मिक व दार्शनिक विश्लेषण अभिनव दिव्यांशु, 2(10),22 - 25 (2014) |
123 . |
भारती एयरटेल लिमिटेड की लाभदेयता प्रवृत्ति का विश्लेषणात्मक अध्ययन डॉ.आशीष पाठक, डॉ.वासुदेव मिश्रा, सारिका साहू, 2(10),26 - 32 (2014) |
124 . |
गुजरात में प्रागैतिहासिक संस्कृति : एक अध्ययन कनु भाई, 2(10),45 - 52 (2014) |
125 . |
गीतांजलि श्री की कहानियों में मृत्यु बोध डॉ.राजेश्वरी, 2(11),3 - 7 (2014) |
126 . |
साहित्यकार चन्द्रधर शर्मा:व्यक्तित्व और कृतित्व राजकौर ( शोधार्थी ), 2(11),8 - 10 (2014) |
127 . |
तुलसीदास और वर्तमान परिद्रश्य में मानस विकार चिकित्सा सतींद्र कुमार शुक्ल,डॉ. विश्वजीत कुमार मिश्र, 2(11),11 - 16 (2014) |
128 . |
कमलेश्वर के उपन्यासों में आम आदमी प्रा.दततात्रय दशरथ पटेल, 2(11),22 - 24 (2014) |
129 . |
सुश्म शिक्षण की महत्ता एवं अनुप्रयोग:एक अध्यन डॉ.लक्ष्मण शिंदे,श्रीमती बबीता वर्मा, 2(11),25 - 35 (2014) |
130 . |
वेद- पुराणकालीन युद्ध कला दिनेश एस.चौधरी,एम.एम चौधरी, 2(11),36 - 39 (2014) |
131 . |
श्रीमद्भागवत में भक्ति का स्वरुप लीला बहन एस.पटेल, 2(11),40 - 43 (2014) |
132 . |
कालिदास के उपास्य अष्टमूर्ति शिव डॉ.गोपालकृष्ण शर्मा, 2(11),44 - 48 (2014) |
133 . |
डॉ.बालशौरि रेड्डी के उपन्यास साहित्य में नारी विमर्श तरुणा दाधीच ( जे.आर.एफ.शोधार्थी ) , 2(11),49 - 53 (2014) |
134 . |
दलित समाज के विकास में बौद्ध धर्म का योगदान नानक चन्द गौतम, अभिनव दिव्यांशु, ( शोधार्थी ) , 2(11),54 - 58 (2014) |
135 . |
उत्तर प्रदेश में सामाजिक आंदोलनों की प्रासंगिकता और उनके प्रभावों का आलोचनात्मक मूल्यांकन अभिनव दिव्यांशु, नानक चन्द गौतम ( शोधार्थी ) , 2(11),59 - 65 (2014) |
136 . |
upekshit enam anath bachcho par ek adhyayan ( raypur shahar ke maana camp me sthit shas.balgrah ke vishes sandarbh me ) Dr.Susheela Mahaur,Sapna Badole, 2(11),0 - 0 (2014) |
137 . |
पालक का संतान की शिक्षा में योगदान डॉ.बलवीर सिंह जम्बाल, 2(11),72 - 73 (2014) |
138 . |
गीतांजलि श्री की कहानियों में मृत्यु बोध डॉ.राजेश्वरी, 2(12),3 - 7 (2014) |
139 . |
साहित्यकार चन्द्रधर शर्मा गुलेरी:व्यक्तित्व और कृतित्व राजकौर ( शोधार्थी ), 2(12),8 - 10 (2014) |
140 . |
तुलसीदास और वर्तमान परिदृश्य में मानस विकार चिकित्सा सतींद्र कुमार शुक्ल,डॉ. विश्वजीत कुमार मिश्र, 2(12),11 - 16 (2014) |
141 . |
कमलेश्वर के उपन्यासों में आम आदमी प्रा.दत्तात्रय दशरथ पटेल, 2(12),22 - 24 (2014) |
142 . |
सूक्ष्म शिक्षण की महत्ता एवं अनुप्रयोग:एक अध्यन डॉ.लक्ष्मण शिंदे,श्रीमती बबीता वर्मा, 2(12),25 - 35 (2014) |
143 . |
वेद- पुराणकालीन युद्ध कला दिनेश एस.चौधरी,एम.एम चौधरी, 2(12),36 - 39 (2014) |
144 . |
श्रीमद्भागवत में भक्ति का स्वरुप लीला बहन एस.पटेल, 2(12),40 - 43 (2014) |
145 . |
कालिदास के उपास्य अष्टमूर्ति शिव डॉ.गोपालकृष्ण शर्मा, 2(12),44 - 48 (2014) |
146 . |
डॉ.बालशौरि रेड्डी के उपन्यास साहित्य में नारी विमर्श तरुणा दाधीच ( जे.आर.एफ.शोधार्थी ) , 2(12),49 - 53 (2014) |
147 . |
दलित समाज के विकास में बौद्ध धर्म का योगदान नानक चन्द गौतम, अभिनव दिव्यांशु, ( शोधार्थी ) , 2(12),54 - 58 (2014) |
148 . |
उत्तर प्रदेश में सामाजिक आंदोलनों की प्रासंगिकता और उनके प्रभावों का आलोचनात्मक मूल्यांकन अभिनव दिव्यांशु, नानक चन्द गौतम ( शोधार्थी ) , 2(12),59 - 65 (2014) |
149 . |
उपेक्षित एवं अनाथ बच्चों पर एक अध्ययन ( रायपुर शहर के माना कैम्प में स्थित शास.बालगृह के विशेष संदर्भ में ) डॉ.सुशीला माहौर, सपना बडोले, 2(12),69 - 71 (2014) |
150 . |
पालक का संतान की शिक्षा में योगदान डॉ.बलवीर सिंह जम्बाल, 2(12),72 - 73 (2014) |
151 . |
गीतांजलि श्री की कहानियों में मृत्यु बोध डॉ.राजेश्वरी, 3(1),3 - 7 (2014) |
152 . |
साहित्यकार चन्द्रधर शर्मा गुलेरी:व्यक्तित्व और कृतित्व राजकौर ( शोधार्थी ), 3(1),8 - 10 (2014) |
153 . |
तुलसीदास और वर्तमान परिदृश्य में मानस विकार चिकित्सा सतींद्र कुमार शुक्ल,डॉ. विश्वजीत कुमार मिश्र, 3(1),11 - 16 (2014) |
154 . |
कमलेश्वर के उपन्यासों में आम आदमी प्रा.दत्तात्रय दशरथ पटेल, 3(1),22 - 24 (2014) |
155 . |
सूक्ष्म शिक्षण की महत्ता एवं अनुप्रयोग:एक अध्यन डॉ.लक्ष्मण शिंदे,श्रीमती बबीता वर्मा, 3(1),25 - 35 (2014) |
156 . |
वेद- पुराणकालीन युद्ध कला दिनेश एस.चौधरी,एम.एम चौधरी, 3(1),36 - 39 (2014) |
157 . |
श्रीमद्भागवत में भक्ति का स्वरुप लीला बहन एस.पटेल, 3(1),40 - 43 (2014) |
158 . |
कालिदास के उपास्य अष्टमूर्ति शिव डॉ.गोपालकृष्ण शर्मा, 3(1),44 - 48 (2014) |
159 . |
डॉ.बालशौरि रेड्डी के उपन्यास साहित्य में नारी विमर्श तरुणा दाधीच ( जे.आर.एफ.शोधार्थी ) , 3(1),49 - 53 (2014) |
160 . |
दलित समाज के विकास में बौद्ध धर्म का योगदान नानक चन्द गौतम, अभिनव दिव्यांशु, ( शोधार्थी ) , 3(1),54 - 58 (2014) |
161 . |
उत्तर प्रदेश में सामाजिक आंदोलनों की प्रासंगिकता और उनके प्रभावों का आलोचनात्मक मूल्यांकन अभिनव दिव्यांशु, नानक चन्द गौतम ( शोधार्थी ) , 3(1),59 - 65 (2014) |
162 . |
उपेक्षित एवं अनाथ बच्चों पर एक अध्ययन ( रायपुर शहर के माना कैम्प में स्थित शास.बालगृह के विशेष संदर्भ में ) डॉ.सुशीला माहौर, सपना बडोले, 3(1),69 - 71 (2014) |
163 . |
पालक का संतान की शिक्षा में योगदान डॉ.बलवीर सिंह जम्बाल, 3(1),72 - 73 (2014) |
164 . |
अन्धेरे में - एक अनिवार यात्रा डॉ.संध्या गंगराडे़, 2(12),2 - 10 (2014) |
165 . |
ब्लाग में नारी विमर्श निशा सिंह (शोधार्थी), 2(12),15 - 24 (2014) |
166 . |
समकालीन कथाकार मालती जोशी की कहानियों में पारिवारिक संदर्भ चित्रा खींची (शोधार्थी), 2(12),25 - 28 (2014) |
167 . |
शोध के प्रति वाणिज्य प्राध्यापकों की अभिरुचि का विश्लेषणात्मक अध्ययन (इंदौर शहर के विशेष सन्दर्भ में) डॉ. हेमा मिश्रा, 2(12),37 - 43 (2014) |
168 . |
भारत एवं दक्षिण एशियाई सहयोग संगठन (दक्षेस) और भारत की भूमिका : एक विश्लेषण डॉ.शीला ओझा, 2(12),44 - 52 (2014) |
169 . |
रामचरित मानस और मनोविकार सतीन्द्र कुमार शुक्ल, 2(12),56 - 59 (2014) |
170 . |
विभिन्न व्यवसायों में कार्यरत महिलाओं की आधुनिकता का समाजशास्त्रीय अध्ययन (इन्दौर शहर के विशेष संदर्भ में) डॉ.सुशीला माहौर, सपना बड़ोले (शोधार्थी), 2(12),60 - 63 (2014) |
171 . |
आधुनिकता के आईने में जाति परिदृश्य के बदलते प्रतिमानों का अध्ययन नितिन चंद्रा, नानकचन्द (शोधार्थी), 2(12),64 - 68 (2014) |
172 . |
सामाजिक अस्पृश्यता का साहित्य नानक चन्द गौतम, नितिन चंद्रा (शोधार्थी), 2(12),83 - 89 (2014) |
173 . |
विकास प्रशासन में नौकरशाही की भूमिका (जनपद सहारनपुर का एक अध्ययन) डॉ.सत्यवीर सिंह, डॉ.कुलदीप सिंह, 2(12),90 - 102 (2014) |
174 . |
सामाजिक मुखरता और मानवीय हस्तक्षेप के समकालीन कवि : मंगलेश डबराल डॉ.चमन लाल शर्मा, 3(1),3 - 8 (2014) |
175 . |
इतिहास सतत निवर्तमान है(उदय प्रकाश की कहानियों के संदर्भ में) डॉ.संध्या गंगराडे़, 3(1),9 - 14 (2014) |
176 . |
भारत-पाक सम्बन्ध: स्वरूप और बदलाव(1990 से 2005 के संदर्भों में) डॉ.शीला ओझा, 3(1),21 - 37 (2014) |
177 . |
मीडिया की भाषा- दशा और दिशा डॉ.वन्दना अग्निहोत्री, 3(1),38 - 41 (2014) |
178 . |
गांधी विचार और अन्ना का आन्दोलन : एक अध्ययन कु. नेहा नेमा (शोधार्थी), 3(1),42 - 45 (2014) |
179 . |
दलित महिलाओं की समस्याएं और चुनौतियां *दलीप कुमार,** नानकचन्द गौतम (शोधार्थी), 3(1),46 - 49 (2014) |
180 . |
महिलाओं के सामाजिक एवं राजनैतिक अधिकार डॉ.नरेन्द्र नागर, हुकुम सिंह, 3(1),50 - 53 (2014) |
181 . |
भारतीय विदेश नीति की प्रमुख प्रवृत्तियां: 1990-91 डॉ.शीला ओझा, 3(1),54 - 62 (2014) |
182 . |
शिक्षक प्रशिक्षणार्थियों की शिक्षण दक्षता पर आत्मसंकल्पना, संकाय एवं इनकी अंतःक्रिया के प्रभाव का अध्ययन डॉ.लक्ष्मण शिंदे, 3(2),5 - 15 (2014) |
183 . |
संजीव की कहानियों में आदिवासी समाज की समस्याएं और चुनौतियाँ ज्योति कुमारी मीणा , 3(2),39 - 44 (2014) |
184 . |
उपेन्द्रनाथ अश्क के नाट्य-साहित्य में मध्यवर्गीय नारी तरूणा यादव, 3(2),45 - 47 (2014) |
185 . |
रवीन्द्रनाथ टैगोर का शिक्षा दर्शन डा. बलवीर सिंह जम्वाल, 3(2),48 - 50 (2014) |
186 . |
ऋग्वेद संहिता में गौ संदर्भः वर्तमान युग में प्रासंगिकता डॉ.दीपिका शुक्ला, 3(3),2 - 8 (2015) |
187 . |
हमीदुल्ला के नाटकों में नारी अन्नू यादव (शोधार्थी), 3(3),18 - 22 (2015) |
188 . |
खाप पंचायत की प्रासंगिकता एवं महिलाओं के अधिकार *डॉ.नरेन्द्र नागर ,**विरेन्द्र कुमार (शोधार्थी), 3(3),23 - 28 (2015) |
189 . |
कृषि तकनीकी का ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर प्रभाव का अध्ययनःमेरठ जनपद के माछरा ब्लाक के सन्दर्भ में *डॉ.नरेन्द्र नागर ,**विरेन्द्र कुमार (शोधार्थी), 3(3),29 - 41 (2015) |
190 . |
प्राथमिक स्तर पर पर्यावरण में न्यूनतम अधिगम का मापन चिंतन वर्मा (सहायक प्राध्यापिका), 3(3),42 - 45 (2015) |
191 . |
दलितोद्धार में डॉ. भीमराव अम्बेडकर का योगदानःएक अध्ययन जितेन्द्र कुमार चौधरी (शोधार्थी, नेट जेआरएफ), 3(4),2 - 5 (2015) |
192 . |
भारतीय राजनीति में क्षेत्रवाद : एक विश्लेषण *डॉ.नरेन्द्र नागर ,**मधुलिका, 3(4),6 - 10 (2015) |
193 . |
दलित आत्मकथात्मक साहित्य में अभिव्यक्त अस्मिता का संघर्ष नूतन कुमारी (शोधार्थी), 3(4),11 - 15 (2015) |
194 . |
मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों मे ग्रामीण स्त्री मुक्ति की अवधारणा ज्योति देवी (शोधार्थी), 3(4),16 - 21 (2015) |
195 . |
अल्मा कबूतरी उपन्यास में आदिवासी प्रा.दत्तात्रय दशरथ पटेल, 3(4),22 - 27 (2015) |
196 . |
आजादी के बाद का मध्यवर्ग और उसकी आधुनिकता अरविन्द कुमार उपाध्याय (शोधार्थी), 3(4),28 - 39 (2015) |
197 . |
मानवाधिकार हनन संबंधित समाचारों का विश्लेषणात्मक अध्ययन( इरोम शर्मिला के विशेष सन्दर्भ में) खाईदेम अथौबा मैतै (शोधार्थी), 3(4),40 - 45 (2015) |
198 . |
आज के सवाल और साहित्य: संत विनोबा की दृष्टि डॉ.पुष्पेंद्र दुबे, 3(5),3 - 7 (2015) |
199 . |
खाप पंचायत की प्रासंगिकता एवं महिलाओं के अधिकार राहुल कुमार (शोधार्थी),विरेन्द्र कुमार (शोधार्थी), 3(5),22 - 32 (2015) |
200 . |
हाईस्कूल के विद्यार्थियों की भाषा सृजनात्मकता का भाषा उपलब्धि के सन्दर्भ में अध्ययन *डॉ. मधुलिका वर्मा(वरिष्ठ व्याख्याता) ,**नीरज सिंह (शोधार्थी:), 3(5),33 - 40 (2015) |
201 . |
हिन्दी कथा-साहित्य में नारी चित्रण डॉ. जोगिन्द्र कुमार यादव, 3(6),3 - 10 (2015) |
202 . |
माण्डूक्योपनिषद् शांकरभाष्य में ओंकार तत्त्व भोला नाथ (शोधार्थी), 3(6),11 - 19 (2015) |
203 . |
समकालीन हिन्दी तथा बांग्ला कविता: दिशा और सम्भावना डॉ.रविशा देवी, 3(6),20 - 24 (2015) |
204 . |
लोनी कस्बे का उद्भव एवं विकास अरविन्द कुमार वर्मा (प्रवक्ता भूगोल) ,संदीप कुमार (छात्र एम.ए.), 3(6),25 - 27 (2015) |
205 . |
लोकनायक कबीरकालीन परिस्थितियों का विहंगावलोकन *मयाराम ओसवाल (अतिथि विद्वान),**डॉ. रविंद्र पवार (अतिथि विद्वान), 3(6),34 - 39 (2015) |
206 . |
1857 ई0 की क्रांति में गुजरों व रांघड़ों का योगदान: जनपद सहारनपुर के विशेष सन्दर्भ में जयदीप कुमार (शोधार्थी), 3(7),24 - 28 (2015) |
207 . |
दलित विमर्श में आत्मकथाओं की भूमिका राजेश कुमारी (शोधार्थी), 3(7),20 - 23 (2015) |
208 . |
अद्वैतवेदान्त एवं सांख्यदर्शन में सृष्टि-प्रक्रिया रभोला नाथ (शोधार्थी), 3(7),13 - 19 (2015) |
209 . |
प्रसाद के नाटकों में संस्कृति, सत्ता और स्वाधीनता के लिए संघर्ष डॉ नीलम राठी, 3(7),8 - 12 (2015) |
210 . |
बिहार के लोकतत्व रोशन कुमार (शोधार्थी), 3(7),3 - 7 (2015) |
211 . |
1857 की राज्य क्रान्ति और धर्म अल्पना पोषवाल (शोधार्थी),विरेन्द्र कुमार (शोधार्थी), 3(7),29 - 31 (2015) |
212 . |
सिगालोवाद-सुत्तः सुखी मानव जीवन की आधारशिला डॉ.ज्ञानादित्य शाक्य, 3(7),32 - 40 (2015) |
213 . |
पाली साहित्य में वर्णित तथागत बुद्ध के नौ सर्वोत्तम गुण मनीष मेश्राम (धम्मचारी मंजूकुमार), 3(7),41 - 46 (2015) |
214 . |
औपनिवेशिक मुक्ति के उद्गाता : पर्क मोकवेल और जो जीहून ली जिह्युन (शोधार्थी), प्रो. देवशंकर नवीन, 3(7),47 - 48 (2015) |
215 . |
भारत की सामाजिक प्रगतिशीलता और स्त्री डा. बलवीर सिंह जम्बाल, 3(7),0 - 0 (2015) |
216 . |
नारीवादी आंदोलन और हिन्दी उपन्यासों पर उसका प्रभाव रोशन कुमार(शोधार्थी), 3(8),38 - 42 (2015) |
217 . |
निर्मल कुमार की कहानियों में चित्रित आर्थिक चिंतन डॉ.संजय कुमार शर्मा, 3(10),2 - 6 (2015) |
218 . |
कमलेश्वर के उपन्यासों में गांधी विचारधारा का प्रभाव प्रा.दत्तात्रय दशरथ पटेल, 3(10),7 - 10 (2015) |
219 . |
Attitude Of Adults Towards Inter-Caste Marriage Dr. Balbir Singh Jamwal , 3(10),20 - 22 (2015) |
220 . |
माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के समायोजन पर व्यक्तित्व और निवास पृष्ठभूमि के प्रभाव का अध्ययन डॉ.राघवेन्द्र कुमार हुरमाड़े, दीपिका हुरमाड़े, 3(10),0 - 0 (2015) |
221 . |
प्रसाद के नाट्य साहित्य में नारी चंद्रकांत तिवारी (यूजीसी नेट), 3(11),3 - 19 (2015) |
222 . |
Dr. Sarvepalli Radhakrishnann : Educational Thoughts Dr. Balbir singh jamwal, 3(11),20 - 24 (2015) |
223 . |
पभविष्य का समाज और ट्रस्टीशिप: सिद्धांत और व्यवहार डॉ.पुष्पेंद्र दुबे, 3(11),25 - 35 (2015) |
224 . |
प्रसाद और पंत के काव्य में नारी चित्रण चंद्रकांत तिवारी (यूजीसी नेट), 3(11),36 - 47 (2015) |
225 . |
बौद्ध धर्म-दर्शन में उपेक्षा ब्रह्मविहार भावनाः एक अनुशीलनी डॉ. ज्ञानादित्य शाक्य (सहायक प्राध्यापक), 3(12),2 - 11 (2015) |
226 . |
चित्रा मुद्गल की कहानियों में आधुनिकता बोध प्रियंका वर्मा (शोधार्थी), 3(12),19 - 22 (2015) |
227 . |
अमृतलाल नागर के उपन्यासों में नारी जीवन की समस्याएं संतोष मीणा (शोधार्थी), 3(12),23 - 26 (2015) |
228 . |
भारत की आर्थिक योजनाओं में मानव संसाधन विकास के प्रयास डॉ. अरविन्द शाह वरकड़े सहायक प्राध्यापक (अतिथि विद्वान), 3(12),27 - 33 (2015) |
229 . |
Values and Social Media Dr. Balbir Singh Jamwal – Principal, 3(12),0 - 0 (2015) |
230 . |
प्रसाद के काव्य में नारी चित्रण: कामायनी के विशेष सन्दर्भ में चन्द्रकान्त तिवारी (यूजीसी नेट), 3(12),40 - 55 (2015) |
231 . |
टेलीविजन एवं महिला सशक्तिकरण प्रियंका(शोधार्थी), 4(1),2 - 5 (2015) |
232 . |
पालि काव्य-साहित्य में अनागतवंस : एक काव्यगत समीक्षा डॉ.ज्ञानादित्य शाक्य, 4(1),6 - 13 (2015) |
233 . |
भारत की कस्तूरी: कस्तूरबा पसंजय चौहान(शोधार्थी), 4(1),14 - 20 (2015) |
234 . |
Importance of cultural festivals and visits Dr. Balbir Singh Jamwal, 4(1),21 - 30 (2015) |
235 . |
पकबीर की प्रासंगिकता : आधुनिक परिप्रेक्ष्य में प्रा. महिमनराम जी॰ पंडया, 4(2),2 - 5 (2015) |
236 . |
साहित्य में नारी विषयक अवधारणा: ऐतिहासिक दृष्टि चन्द्रकान्त तिवारी, 4(2),6 - 14 (2015) |
237 . |
धर्मवीर भारती के मिथकीय काव्यों में स्त्री पात्रों का चरित्रांकन डॉ. रीता तिवारी, 4(2),15 - 23 (2015) |
238 . |
उत्तर शती का हिंदी साहित्य और बदलता भारतीय परिवेश ( ग्राम जीवन तथा हिंदी उपन्यास साहित्य के विशेष संदर्भ में ) डॉ. सुनील बाबुराव कुलकर्णी, 4(2),24 - 34 (2015) |
239 . |
लैंगिक असमानता: समस्याएँ एवं समाधान प्रो.बनवारी लाल जैन, 4(2),35 - 40 (2015) |
240 . |
पंचायतीराज प्रणाली: वैदिक और वनवासी समानताएँ डॉ. सुरेश काग(शोधार्थी), 4(2),41 - 44 (2015) |
241 . |
सरकार द्वारा प्रदत्त योजनाएँ एवं क्रियान्वयन का विश्लेषणात्मक अध्ययन *श्रीमती मनीषा शर्मा, विभागाध्यक्ष, राजनीति विभाग **डॉ.गिरिजा निगम, प्राचार्य, 4(3),0 - 0 (2016) |
242 . |
भारत में मानव संसाधन एवं वैश्वीकरण का प्रभाव डॉ.अमिताभ पाण्डे, 4(3),0 - 0 (2016) |
243 . |
अंधायुग में नवमानवतावादी चिन्तन डॉ.संध्या गंगराड़े, 4(4),2 - 6 (2016) |
244 . |
राजेन्द्र मोहन भटनागर के उपन्यासों में स्वाधीनता आन्दोलन के विविध पक्ष प्रमीला, 4(4),7 - 9 (2016) |
245 . |
पुनर्जन्म : एक विश्लेषणात्मक अध्ययन *डॉ. सत्यवीर सिंह**ज्योति, 4(4),18 - 24 (2016) |
246 . |
कमलेश्वर के उपन्यासों में चित्रित कुंठित पात्र *दत्तात्रय दशरथ पटेल*प्रा.डॉ.संजयकुमार शर्मा*, 4(4),36 - 40 (2016) |
247 . |
स्वाधीनता संग्राम में हिन्दी्.साहित्य का योगदान यदुनन्दगन प्रसाद उपाध्याय, 4(4),41 - 48 (2016) |
248 . |
ग्रामीण समाज और आधुनिक संचार माध्यम सविता, 4(4),49 - 56 (2016) |
249 . |
राजकीय एवं गैर राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की सृजनशीलता एवं शैक्षिक निष्पत्ति का तुलनात्मक अध्ययन प्रो.बनवारी लाल जैन,डॉ.देवेन्द्र कुमार अग्रवाल, 4(5),2 - 6 (2016) |
250 . |
संस्कृत साहित्य में मानवाधिकार डॉ.अमिता जैन, 4(5),7 - 8 (2016) |
251 . |
अलका सरावगी के उपन्यासों में नारी विमर्श रेबेक्का जिरसांगकिमी, 4(5),9 - 12 (2016) |
252 . |
निराला की रचनाधर्मिता के विविध आयाम डॉ.चन्द्रकान्त तिवारी, 4(5),13 - 22 (2016) |
253 . |
वेदान्तदर्शन पर भक्ति योग का प्रभाव डॉ.जितेन्द्र शर्मा, 4(5),23 - 27 (2016) |
254 . |
श्वेताश्वतरोपनिषद् में ब्रह्म-तत्त्व-विवेचन भारत भूषण सिंह , 4(5),28 - 31 (2016) |
255 . |
स्थानीय स्वशासन : मौर्यकालीन एवं वर्तमान भारत डॉ. चंद्रलेखा सांखला, (अतिथि विद्वान), 4(6),246 - 247 (2016) |
256 . |
भारतीय किसान साहित्य के परिप्रेक्ष्य में डॉ. प्रतिभा पाण्डेय, 4(6),242 - 245 (2016) |
257 . |
ग्राम्य जीवन को चित्रित करते बुन्देली लोक गीत डॉ. अरूणा मोटवानी, 4(6),238 - 241 (2016) |
258 . |
प्रेमचंद की कहानियों में ग्रामीण समाज की झलक डॉ.श्रीमती रशीदा खान, 4(6),235 - 237 (2016) |
259 . |
हिंदी कहानियों में ग्रामीण जीवन और आर्थिक परिवेश डॉ. इन्दु मिश्रा (विभागाध्यक्ष), 4(6),227 - 228 (2016) |
260 . |
विनोद कुमार शुक्ल के साहित्य में ग्रामीण जीवन लखन रघुवंशी (शोधार्थी), 4(6),219 - 224 (2016) |
261 . |
प्रेमचंद के कथा साहित्य में ग्रामीण जीवन डॉ.शबनम खान, 4(6),216 - 218 (2016) |
262 . |
प्रेमचंद की प्रमुख कहानियों में ग्रामीण जनजीवन मोनिका रितेश पटेल (शोधार्थी), 4(6),212 - 215 (2016) |
263 . |
हिंदी कहानी और ग्रामीण समुदाय : एक अध्ययन कीर्ति भारद्वाज(शोधार्थी), 4(6),206 - 209 (2016) |
264 . |
‘महाभोज’ का राजनीतिक एवं मनोवैज्ञानिक अध्ययन योगिता राठौर (शोधार्थी),डॉ.मनीषा शर्मा, 4(6),195 - 199 (2016) |
265 . |
भीली जीवन में लोक साहित्य की वाचिक परम्परा डॉ. प्रभा बहार, 4(6),188 - 189 (2016) |
266 . |
ग्रामीण आदिवासी समुदाय की महिलाओं की शैक्षिक उन्नति में बरली ग्रामीण महिला विकास संस्था की भूमिका का अध्ययन सरिता बोबड़े (शोधार्थी), 4(6),171 - 177 (2016) |
267 . |
जनसंचार के माध्यम से ग्रामीण जीवन स्तर के बदलते आयाम सतीश जायसवाल (शोधार्थी),डॉ.सचिन शर्मा, 4(6),167 - 170 (2016) |
268 . |
जितेन्द्र श्रीवास्तव कृत ‘कायांतरण’ में लोक-चेतना मनोज कुमार कुँवातिया, 4(6),160 - 166 (2016) |
269 . |
भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में गरीबी के कारण, प्रभाव एवं निवारण : एक विश्लेषणात्मक अध्ययन कु. अर्चना आर्य (शोधार्थी), 4(6),157 - 159 (2016) |
270 . |
ग्रामीण क्षेत्रों में किशोर-किशोरियों में रोजगार के अवसर का अध्ययन सबलसिंह ओहरिया (शोधार्थी), 4(6),152 - 156 (2016) |
271 . |
संचार माध्यमों से बदलता ग्रामीण जीवन सुश्री संध्या शर्मा (शोधार्थी), 4(6),149 - 151 (2016) |
272 . |
सिंगाजी का काव्य और ग्रामीण जीवन कवीन्द्र कुमार भारद्वाज, 4(6),139 - 141 (2016) |
273 . |
जल संसाधन संरक्षण का ग्रामीण जनजातियों की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव(कालिक विश्लेषण 1991-2011) (मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के विशेष सन्दर्भ में) कैलाश डावर (शोधार्थी), 4(6),142 - 148 (2016) |
274 . |
कहानियों में ग्रामीण जीवन : ‘मोहनदास’ के संदर्भ में योग्यता मिश्रा (शोधार्थी), 4(6),130 - 132 (2016) |
275 . |
‘राग दरबारी‘ उपन्यास में ग्रामीण जीवन की विसंगतियाँ डॉ.अर्चना चतुर्वेदी, 4(6),127 - 129 (2016) |
276 . |
जनसंचार और ग्रामीण जीवन सुश्री वन्दना रानी जोशी (शोधार्थी), 4(6),122 - 126 (2016) |
277 . |
‘होरी’ के जीवन की करुण कथा : गोदान डॉ.सरोज यादव, 4(6),108 - 109 (2016) |
278 . |
भिलाला लोक साहित्य में ग्रामीण जीवन सुरसिंह जामोद (शोधार्थी), 4(6),110 - 112 (2016) |
279 . |
समकालीन कहानियों में ग्रामीण समाज की झलक डॉ.वंदना अग्निहोत्री, 4(6),102 - 105 (2016) |
280 . |
मालवी काव्य साहित्य में ग्रामीण जीवन डॉ. प्रतिभा सोलंकी, 4(6),106 - 107 (2016) |
281 . |
हिंदी उपन्यासों में ग्रामीण जीवन : एक अध्ययन राजश्री सिकरवार (शोधार्थी), 4(6),97 - 101 (2016) |
282 . |
वैदिक साहित्य में ग्रामीण जीवन सैयद हुसैन, अंशुदेवी एम.फिल. (संस्कृत), 4(6),86 - 89 (2016) |
283 . |
हिंदी कहानियों में ग्रामीण जीवन निर्मला चौधरी (शोधार्थी:), 4(6),80 - 85 (2016) |
284 . |
हिंदी कथा साहित्य में ग्रामीण जीवन डॉ.उषा बगेडि़या, 4(6),77 - 79 (2016) |
285 . |
जैनेन्द्र के उपन्यासों में ग्रामीण जीवन आकांक्षा जैन (शोधार्थी), डॉ.कुसुमलता श्रीवास्तव (निर्देशक), 4(6),74 - 76 (2016) |
286 . |
भीली-भीलाली जनजाति : उद्भव और विकास बिरज मुवेल (शोधार्थी), 4(6),70 - 73 (2016) |
287 . |
ग्रामीण जनजीवन की कारुणिक त्रासदी(‘मंत्र‘, ‘दुःख का अधिकार’ और ‘मेरा ख़ुदा‘ कहानी के सन्दर्भ में) कु.चाँदनी गोले (शोधार्थी), 4(6),65 - 69 (2016) |
288 . |
‘गोदान’ का पुनर्पाठ : 21वीं सदी के सन्दर्भ में डॉ.तृष्णा शुक्ला, 4(6),60 - 64 (2016) |
289 . |
नागार्जुन की कविताओं में लोक संस्कृति आराधना (शोधार्थी), 4(6),56 - 59 (2016) |
290 . |
साहित्य और ग्रामीण जीवन शोभा चौहान (शोधार्थी), 4(6),42 - 51 (2016) |
291 . |
‘ग्राम्या’ में ग्रामीण जीवन और संस्कृति सविता (शोधार्थी), 4(6),52 - 55 (2016) |
292 . |
उपन्यासों में ग्रामीण जीवन डॉ.मोहिनी नेवासकर, भूपेन्द्र सुल्लेरे (शोधार्थी), 4(6),38 - 41 (2016) |
293 . |
‘रतिनाथ की चाची’ उपन्यास में ग्रामीण जीवन सबीना खान (शोधार्थी), 4(6),34 - 37 (2016) |
294 . |
केदारनाथ सिंह के काव्य में ग्रामीण जीवन सुरेश सरोठिया (शोधार्थी), 4(6),30 - 33 (2016) |
295 . |
सूर्यबाला की कहानियों में ग्रामीण जीवन संगीता राणा (शोधार्थी), 4(6),27 - 29 (2016) |
296 . |
जनसंचार और ग्रामीण जीवन यदुनन्दन प्रसाद उपाध्याय (शोधार्थी), 4(6),19 - 21 (2016) |
297 . |
सामाजिक समावेशन : शिक्षा में प्रतिमान विस्थापन भूपेन्द्रसिंह (शोधार्थी),डॉ. पतंजलि मिश्र सहायक आचार्य, 4(6),10 - 18 (2016) |
298 . |
अज्ञेय : व्यष्टि और समष्टि संबंधी मान्यताएं किरन तिवारी ( शोधार्थी ), डॉ. रवीन्द्रनाथ मिश्र ( निर्देशक ), 4(6),2 - 5 (2016) |
299 . |
प्रतिरोध के स्वर बुलंद करती दलित लेखिकाओं की आत्मकथाएँ डॉ.राजेश्वरी, 4(6),6 - 9 (2016) |
300 . |
मध्यप्रदेश में नगर पालिका परिषदों का संगठन डॉ. चंद्रलेखा सांखला, (अतिथि विद्वान), 4(6),248 - 250 (2016) |
301 . |
बोधिसत्व बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर की धम्मक्रान्ति का तत्वज्ञान डॉ. मनीष मेश्राम, 4(6),251 - 257 (2016) |
302 . |
मन्नू भण्डारी और ममता कालिया की कहानियों में सामाजिकता के विविध आयाम विनीता गुप्ता, 4(6),258 - 261 (2016) |
303 . |
वैश्वीकरण में ग्रामीण समाज और हिन्दी कथा साहित्य डॉ. सादिक मोहम्मद खान (शोधार्थी), 4(6),270 - 274 (2016) |
304 . |
अज्ञेय के काव्य में बिम्ब सौन्दर्य डॉ. वर्षा शर्मा (शोधार्थी), 4(6),280 - 283 (2016) |
305 . |
योगशास्त्र और स्वास्थ्य का अंत:सम्बन्ध डॉ. जितेन्द्र शर्मा, 4(6),284 - 289 (2016) |
306 . |
Rural Life In Urdu Fiction Fayaz Ahmad Sheikh (Researcher), 4(6),262 - 267 (2016) |
307 . |
Nida ki shayri me dehati rang Dr. sadeka khan (Researcher), 4(6),268 - 269 (2016) |
308 . |
डॉ.प्रेम भारती रचित कुरुक्षेत्र की राधा का विश्लेषणात्मक अध्ययन स्वाति मिश्र (शोधार्थी), 4(7),4 - 7 (2016) |
309 . |
पूंजीवाद : नया साहित्य, नए विमर्श सीमा मिश्रा (शोधार्थी), 4(7),13 - 16 (2016) |
310 . |
स्नातक स्तर के विद्यार्थियों का साहित्य के अन्तर्गत ग्रामीण जीवन का परीक्षण कांता शर्मा (शोधार्थी), 4(7),17 - 22 (2016) |
311 . |
भगवानदास मोरवाल के उपन्यासों में ग्रामीण जीवन नेहा गुप्ता (शोधार्थी), 4(7),27 - 29 (2016) |
312 . |
‘ग्लोबल गाँव के देवता’ : औद्योगीकरण की आँधी में उजड़ते गांव’ कमल सिन्हा (शोधार्थी), 4(7),30 - 33 (2016) |
313 . |
चित्रा मुद्गल के उपन्यासों में सामाजिक युगबोध प्रियंका वर्मा,डॉ. परमेश्वर दत्त शर्मा शोध संस्थान , 4(7),34 - 37 (2016) |
314 . |
प्रेमचंद के उपन्यासों में ग्रामीण जीवन गणेश भंवर (शोधार्थी),डॉ.ज्योति सिंह (निर्देशक), 4(7),38 - 41 (2016) |
315 . |
‘मैला आँचल’ का समाजशास्त्रीय अध्ययन(ग्रामीण जीवन के संदर्भ में) अनीता पाटीदार (शोधार्थी), 4(7),42 - 44 (2016) |
316 . |
परम्परागत जनसंचार माध्यम और ग्रामीण जीवन विकास ठाकुर (शोधार्थी), 4(7),45 - 48 (2016) |
317 . |
भारतीय ग्रामीण सामाजिक जीवन के परिवर्तित स्वरूप गोल्डी चुटेल (शोधार्थी), 4(7),49 - 51 (2016) |
318 . |
जनजाति महिलाओं में नगरीकरण के प्रभाव का अध्ययन कु.शारदा भिंडे (शोधार्थी),डॉ.मंजु शर्मा (प्राध्यापक), 4(7),52 - 56 (2016) |
319 . |
हिंदी उपन्यासों में ग्रामीण परिवेश डॉ.अनुकूल सोलंकी, 4(7),57 - 59 (2016) |
320 . |
जितेन्द्र श्रीवास्तव के काव्य में ग्रामीण जीवन भोजराज बारस्कर (शोधार्थी),डॉ.पुष्पेन्द्र दुबे (निर्देशक), 4(7),60 - 66 (2016) |
321 . |
भारत और मध्य एशिया : परस्पर संबंधों का ऐतिहासिक विवेचन अमित कुमार सिंह असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, 4(7),67 - 72 (2016) |
322 . |
74वां संविधान संशोधन और भारत में नगरीय स्वशासन डॉ. चन्द्रलेखा सांखला (अतिथि विद्वान), 4(7),73 - 75 (2016) |
323 . |
Rural Life In Short Stories Haris Hamzah Lone (Researcher), 4(7),76 - 80 (2016) |
324 . |
ग्रामीण जीवन का अर्थशास्त्र बसंता सोलंकी (शोधार्थी), 4(8),7 - 9 (2016) |
325 . |
भारत में मुगलों का बौध्दिक योगदान : एक एतिहासिक विश्लेषण अमित कुमार सिंह, 4(8),18 - 23 (2016) |
326 . |
उत्तरशती के प्रथम दशक के आँचलिक उपन्यास एवं उपन्यासकार एकता गायकवाड (शोधार्थी), 4(8),0 - 0 (2016) |
327 . |
सूर साहित्य में ग्रामीण जीवन डॉ. वारिश जैन, 4(8),26 - 28 (2016) |
328 . |
हिन्दी उपन्यास साहित्य में ग्रामीण जीवन अलका शर्मा (शोधार्थी), 4(8),32 - 36 (2016) |
329 . |
ग्रामीण जीवन का अर्थशास्त्र डॉ. अरुणा कुसुमाकर, 4(8),37 - 39 (2016) |
330 . |
बदलते समाजीकरण में बच्चों पर इंटरनेट का प्रभाव संध्या बघेल, 4(8),48 - 51 (2016) |
331 . |
भारतेन्दु के साहित्य में ग्रामीण परिवेश डॉ. पूर्णिमा जोशी, 4(8),52 - 57 (2016) |
332 . |
किन्नौर में प्रचलित बहुपति प्रथा का समाजशास्त्रीय अध्ययन सपना (शोधार्थी), 4(8),67 - 70 (2016) |
333 . |
राजी सेठ की कहानियों में स्त्री-विमर्श श्रीमती अंतिमबाला जायसवाल (शोधार्थी), 4(9),3 - 8 (2016) |
334 . |
इक्कीसवी सदी के बाल साहित्य में कविता लेखन डॉ. सोनाली निनामा, 4(9),9 - 13 (2016) |
335 . |
निमाड़ का ग्रामीण जीवन ज्योति कानुड़े (शोधार्थी), डॉ. मनीषा शर्मा (निर्देशक), 4(9),16 - 18 (2016) |
336 . |
भारतीय साहित्य एकता येव्गेनी चेलिशेव, 4(9),26 - 35 (2016) |
337 . |
हिन्दी काव्य में ग्रामीण जीवन श्रीमती प्रीति व्यास (शोधार्थी), 4(9),36 - 38 (2016) |
338 . |
जनजातीय ग्रामीण जीवन का अर्थशास्त्र : एक अध्ययन श्रीमती रंजना चौहान (शोधार्थी), 4(9),39 - 41 (2016) |
339 . |
The Sikh Marriage: The Anand Sanskar Dr. Sarvapal Singh Rana, 4(9),42 - 44 (2016) |
340 . |
डॉ. मीनाक्षी स्वामी के प्रौढ़ साहित्य की कहानियों में व्यक्त ग्रामीण स्त्री की सामाजिक पृष्टभूमि रागिनी सिंह, 4(9),45 - 49 (2016) |
341 . |
काव्य में ग्रामीण जीवन श्रीमती रेखा डावर (शोधार्थी), डॉ. पुरुषोत्तम दुबे (निर्देशक), 4(9),50 - 53 (2016) |
342 . |
मधुबनी चित्रकला: लोक संस्कृति की कलात्मक अभिव्यक्ति उज्ज्वल आलोक, 4(9),54 - 58 (2016) |
343 . |
मनावर विधानसभा निर्वाचन 2013 का विश्लेषनात्मक अध्ययन शोभाराम सोलंकी (शोधार्थी), डॉ. लोकेश अग्रवाल (निर्देशक), 4(9),59 - 61 (2016) |
344 . |
मुगलकाल में फारसी प्रभाव का एतिहासिक विश्लेषण अमित कुमार सिंह, 4(9),62 - 66 (2016) |
345 . |
सामाजिकता के आइने में फकरे आलम की कहानियां Sawita (शोधार्थी), 4(9),67 - 69 (2016) |
346 . |
भारतीय संस्कृति के संरक्षण में शिक्षा की भूमिका डॉ. अरुणा कुसुमाकर, 4(9),70 - 72 (2016) |
347 . |
बड़वानी जिले की पंचायतों का गठन, निर्वाचन एवं वर्तमान स्थिति गिरधारीलाल भालसे (शोधार्थी), डॉ. सुरेश काग, 4(9),73 - 75 (2016) |
348 . |
मैला आँचल में ग्राम्य समस्या का चित्रण डॉ. गुरविन्दर सिंह गिल, 4(9),76 - 79 (2016) |
349 . |
बड़वानी जिले की पंचायतों में महिला प्रतिनिधियों की भागीदारी का विश्लेषणात्मक अध्ययन गिरधारीलाल भालसे (शोधार्थी), 4(10),53 - 56 (2016) |
350 . |
सआवास ऋण के सम्बन्ध में ग्राहक संतुष्टि का विश्लेषणात्मक अध्ययन स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया और आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के सन्दर्भ में) डॉ. वासुदेव मिश्र,दीपक शाह (शोधार्थी), 4(10),48 - 52 (2016) |
351 . |
स्वतन्त्रता पूर्व संसदीय लोकतंत्र पर पं. नेहरू का चिन्तन डॉ. सत्यवीर सिंह ,ज्योति(शोधार्थी), 4(10),36 - 47 (2016) |
352 . |
काव्यशास्त्र के सिद्धांतों का तुलनात्मक अध्ययन श्रीमती वन्दना वर्मा, 4(10),33 - 35 (2016) |
353 . |
भवानी प्रसाद मिश्र की कविताओं पर गाँधी दर्शन का प्रभाव श्रीमती रेखा डावर शोधार्थी, 4(10),30 - 32 (2016) |
354 . |
काव्य में ग्रामीण जीवन डॉ.जगदीश चौहान, 4(10),15 - 21 (2016) |
355 . |
भिलाली लोकगीतों में कृषक जीवन गजेंद्र आर्य, 4(10),22 - 26 (2016) |
356 . |
ग्रामीण जीवन में धर्म, त्योहार और संस्कार का समाजाशास्त्रीय स्वरूप प्रो.शशिकला दुबे, 4(10),27 - 29 (2016) |
357 . |
रहीम के दोहे में नीतिपरकता डॉ.तीर्थंकरदान रतुदानजी रोहड़िया, 4(10),8 - 14 (2016) |
358 . |
अण्डमान की हिन्दी कविताओं में सांस्कृतिक चेतना डॉ. रत्ना कुशवाह सहायक प्राध्यापक , 4(10),1 - 7 (2016) |
359 . |
मनावर और धरमपुरी विधानसभा का तुलनात्मक विश्लेषणन शोभाराम सोलंकी (शोधार्थी), 4(10),57 - 58 (2016) |
360 . |
कर नियोजन के उद्देश्य से वेतनभोगी करदाताओं में विनियोग की प्रवृत्ति का विश्लेषणात्मक अध्ययन डॉ.कमलेश भण्डारी (निर्देशक)वीनस शाह (शोधार्थी), 4(11),33 - 37 (2016) |
361 . |
प्रेमचंद का कथा संसार डॉ. सरिता स्वामी, 4(11),13 - 19 (2016) |
362 . |
भिलाली बाल लोककथाओं में शिक्षा डॉ. गजेन्द्र आर्य, 4(11),2 - 4 (2016) |
363 . |
लोक एवं जनजातीय साहित्य में मूल्य चेतना डा. जगदीश चौहान (अध्यापक), 4(12),20 - 23 (2016) |
364 . |
हिन्दी साहित्यिक शोध : चुनौतियां और सम्भवनाएं अन्तिमबाला जायसवाल (शोधार्थी), 4(12),24 - 27 (2016) |
365 . |
हिन्दी साहित्य में व्यंग्य का स्वरूप ममता वर्मा (शोधार्थी), 4(12),28 - 30 (2016) |
366 . |
हिन्दी की प्रथम मौलिक कहानी और कहानी का विकास विनीता गुप्ता (शोधार्थी), 4(12),31 - 35 (2016) |
367 . |
प्रेम जनमेजय के व्यंग्य साहित्य में राजनीतिक संदर्भ साधना झा (शोधार्थी), 5(1),10 - 17 (2016) |
368 . |
मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यास में नारी जाग्रति श्रीमती पूनम आर्या, 5(1),18 - 24 (2016) |
369 . |
हिंदी साहित्य के पितामह : आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी श्रीमती पूनम आर्या, 5(1),25 - 28 (2016) |
370 . |
सकारात्मक विचार और शिक्षा का सहसंबंध डॉ.अमिता जैन, 5(1),29 - 33 (2016) |
371 . |
कामायनी में भारतीय कालगणना का रूप गजेन्द्र आर्य, 5(1),34 - 36 (2016) |
372 . |
मुंशी प्रेमचंद की कहानियों में कृषकों का आर्थिक जीवन डॉ.ममता गोखे, 5(1),37 - 40 (2016) |
373 . |
जैन रामायणों का साहित्य में योगदान डॉ.अनुपमा छाजेड़, 5(1),45 - 50 (2016) |
374 . |
नुक्कड़ नाटक और शिवराम शिवकुमार स्वर्णकार (शोधार्थी), 5(1),51 - 53 (2016) |
375 . |
Rural Life In Urdu Fiction Masrat Hamzah Lone (Researcher), 5(1),54 - 57 (2016) |
376 . |
आदिवासी अस्मिता और इधर का उपन्यास साहित्य डॉ. संध्या गंगराड़े(प्राध्यापक), 5(2),9 - 14 (2016) |
377 . |
राम भक्ति परम्परा और साहित्य सुनीता देवी, 5(2),15 - 19 (2016) |
378 . |
पवित्र चरित्र बल से सात्विक व्यक्तित्व निर्माण प्रो. बनवारी लाल जैन, 5(2),20 - 22 (2016) |
379 . |
इक्कीसवीं सदी का बाल साहित्य सुरेश सरोठिया, 5(2),29 - 36 (2016) |
380 . |
सूर्यबाला के कथा साहित्य में नारी संवेदना संगीता राणा (शोधार्थी), 5(2),37 - 41 (2016) |
381 . |
सार्वभौमिक मूल्यों के प्रसार में संत साहित्य की भूमिका डॉ.जगदीश चौहान, 5(2),42 - 46 (2016) |
382 . |
पर्यावरण के प्रति सजग कवयित्री डॉ. पद्मा पाटील, 5(4),4 - 7 (2017) |
383 . |
ग्रामीण महिलाओं के विकास में प्रसार की भूमिका सुनिता ठोंबरे (शोधार्थी), 5(4),16 - 17 (2017) |
384 . |
ग्रामीण जीवन का समाजशास्त्र कमल वास्कले (शोधार्थी), 5(4),18 - 20 (2017) |
385 . |
ग्रामीण महिलाओं का आर्थिक जीवन स्तर बढ़ाने में सरकारी योजनाओं की भूमिका कु. सपना पटेल (शोधार्थी), 5(4),21 - 27 (2017) |
386 . |
ग्रामीण भारत एवं जनसंचार सुविधा विस्तार डॉ.निशा जैन, 5(4),28 - 30 (2017) |
387 . |
भारतीय संस्कृति में देवालय प्रतीक जैन संस्कृति के विशेष संदर्भ में डॉ.पवन शुक्ला, 5(5),6 - 8 (2017) |
388 . |
छत्तीसगढ़ में पर्यटन की संभाव्यता एवं प्रत्याशा कृष्णा तिवारी , 5(5),9 - 20 (2017) |
389 . |
कबीर का अक्खड़पन और हिप्पोक्रेटिक समाज संगम वर्मा , 5(5),21 - 24 (2017) |
390 . |
अवधी के लोक स्वर डॉ. बृजेन्द्र कुमार अग्निहोत्री, 5(5),33 - 36 (2017) |
391 . |
प्रभा खेतान के उपन्यासों में नारी मुक्ति के स्वर श्रीमति रीता सोनी (शोधार्थी), डॉक्टर आशा अग्रवाल (निर्देशक), 5(6),2 - 7 (2017) |
392 . |
भारतीय संस्कृति में देवालय प्रतीक जैन संस्कृति के विशेष संदर्भ में डॉ.पवन शुक्ला, 5(6),8 - 10 (2017) |
393 . |
नारी संतों की दार्शनिक चेतना प्रिया भसीन, 5(6),11 - 16 (2017) |
394 . |
समकालीन वर्षों में साइबर अपराधष अजित कुमार (शोधार्थी), 5(6),23 - 36 (2017) |
395 . |
भारत भूषण अग्रवाल का काव्य-शिल्प डॉ. ओम प्रकाश , 5(6),45 - 50 (2017) |
396 . |
मुगल चित्रशैली और प्रकृति डॉ. वीना रानी, 5(6),51 - 56 (2017) |
397 . |
प्रेमचंद के उपन्यासों में स्त्री विमर्श डॉ. ज्योति बाला, 5(7),14 - 17 (2017) |
398 . |
मुंशी प्रेमचंद की कहानियों में भारतीय किसान सुनीता देवी, 5(7),18 - 22 (2017) |
399 . |
आधुनिक हिन्दी कहानी का युग संचरण डॉ. शाजिया खान, 5(7),23 - 25 (2017) |
400 . |
Need of Technological up gradation in garment industries of Indore Division with respect to modernization English, 5(7),26 - 28 (2017) |
401 . |
महादेवी के काव्य में करूणा और वेदना की अभिव्यक्ति डॉ. इन्दु कुमारी, 5(7),39 - 42 (2017) |
402 . |
स्वातंत्र्योत्तर हिंदी गद्य साहित्य में व्यंग्य अनिल कुमार शर्मा (शोधार्थी), 5(7),43 - 47 (2017) |
403 . |
जैन परम्परा में त्रिलोक रचना डॉ. पवन पाठक, 5(7),48 - 50 (2017) |
404 . |
शिवानी (गौरा पंत) के कथा साहित्य में सामाजिक चेतना डॉ.राजेन्द्र सिंह बिष्ट (शोधार्थी), 5(7),54 - 57 (2017) |
405 . |
संचार अनिवार्यता में समाचार-पत्रों की भूमिका डॉ.दीपमाला गुप्ता, 5(7),58 - 63 (2017) |
406 . |
डॉ.भीमराव अम्बेडकर की दृष्टि में अष्टांगिक मार्ग : एक अध्ययन चम्पालाल मंद्रेले (शोधार्थी), 5(7),64 - 70 (2017) |
407 . |
आर्य समाज के प्रचार में हिन्दी पत्रकारिता का योगदान वीरेन्द्र कुमार (शोधार्थी), 5(8),48 - 51 (2017) |
408 . |
शैव दर्शन में सूक्ष्म शरीर की अवधारणा अनिल कुमार (शोधार्थी), 5(8),45 - 47 (2017) |
409 . |
सोयाबीन एवं उसके उत्पादों का महत्व(स्वास्थ्य एवं आर्थिक दृष्टि से) श्रीमती संगीता दुबे (शोधार्थी), 5(8),41 - 44 (2017) |
410 . |
पतंजलि योगदर्शन में वर्णित अष्टांगयोग : एक विवेचन डॉ.संदीप ठाकरे (योग विभाग), 5(8),37 - 40 (2017) |
411 . |
हिन्दी ब्लॉग लेखन में सम्भावनाएं और चुनौतियाँ डॉ. निशा सिंह, 5(8),30 - 36 (2017) |
412 . |
कुसुम खेमानी की कहानियों में मानवीय मूल्य सोनदीप (शोधार्थी), 5(8),25 - 29 (2017) |
413 . |
जनसंचार की ग्रामीण जीवन में उपयोगिता सुनीता शर्मा (शोधार्थी), 5(8),22 - 24 (2017) |
414 . |
A Study Of Impact Of Mall Culture In Upgrading The Status Of People Of Indore City Pushpendra Jain (Assistant Professor), 5(8),14 - 17 (2017) |
415 . |
ऋग्वैदिक सांस्कृतिक और सामाजिक तत्वों का विश्लेषण अमित कुमार सिंह, 5(8),18 - 21 (2017) |
416 . |
अज्ञेय, तारसप्तक और साठोत्तरी हिंदी आलोचना डॉ.अभिषेक कुमार मिश्र, 5(8),3 - 10 (2017) |
417 . |
राजस्थान में पर्यटन के सांस्कृतिक संदर्भ डॉ. नीतू परिहार, 5(8),52 - 54 (2017) |
418 . |
हिंदी साहित्य और स्त्री विमर्श डॉ.ज्योति बाला (शोधार्थी), 5(9),2 - 6 (2017) |
419 . |
लघुकथा में अभिव्यक्त विघटित मानवीय मूल्य जयश्री झांकल (शोधार्थी), 5(9),7 - 15 (2017) |
420 . |
किसान-समस्या और समकालीन हिन्दी आलोचना उज्ज्वल आलोक (शोधार्थी), 5(9),16 - 21 (2017) |
421 . |
साहित्येतिहास लेखन में आलोचना के प्रतिमान की आवश्यकता कुमारी सीमा (शोधार्थी), 5(9),22 - 25 (2017) |
422 . |
स्त्री विमर्श और हिन्दी उपन्यास विनोद आजाद (शोधर्थी), 5(9),30 - 32 (2017) |
423 . |
आधुनिक जीवन शैली और गायत्री महामन्त्र mahamantra, 5(9),33 - 39 (2017) |
424 . |
संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की स्थायी सदस्यता का दावा रजनी अरोड़ा, 5(9),40 - 43 (2017) |
425 . |
विभिन्न यौगिक क्रियाओं का किशोर छात्र-छात्राओं के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन विनोद कुमार जैन (शोधार्थी), 5(9),44 - 48 (2017) |
426 . |
सामाजिक शोध पद्धति के रूप में वैयक्तिक अध्ययन का प्रयोग दीपमाला यादव (शोधार्थी), 5(9),49 - 52 (2017) |
427 . |
वैष्णव-दर्शन और भारतीय आशावाद के रूमानी कवि – डॉ. धर्मवीर भारती डॉ. राजेश दीक्षित (प्राचार्य), 5(9),57 - 60 (2017) |
428 . |
स्नातक स्तर पर हिन्दी साहित्य विषय में उपलब्धि पर शिक्षण विधि, लिंग एवं उनकी अंतर्क्रिया के प्रभाव का अध्ययन प्रो. एच. आर. पाल, 5(9),61 - 66 (2017) |
429 . |
नरेश मेहता के काव्य में सामाजिक प्रयोजन डॉ. हरिश्चन्द्र अग्रहरि, 5(9),67 - 69 (2017) |
430 . |
भीष्म साहनी के उपन्यासों में सामाजिक जीवन दर्शन डॉ.दिलीप कुमार झा, 5(9),72 - 73 (2017) |
431 . |
पातंजल योग दर्शन में मोक्ष के विविध मार्ग डॉ. पुनीत कुमार मिश्रा, 5(9),70 - 76 (2017) |
432 . |
मन्नू भंडारी की कहानियों के स्त्री पात्र डॉ. जगदीश चौहान (शोधार्थी), 5(9),77 - 81 (2017) |
433 . |
निमाड़ी लोकगीतों में परम्परा और संस्कृति ज्योति कानुड़े(शोधार्थी), 5(9),82 - 85 (2017) |
434 . |
महिलाओं के प्रति हिंसा रोकने के संवैधानिक उपाय प्रदीप कुमार (शोधार्थी), 5(9),86 - 92 (2017) |
435 . |
विजयदान देथा के कथा साहित्य में चित्रित यथार्थ बोध डॉ.मुकेश कुमार, 5(9),94 - 99 (2017) |
436 . |
पातन्जल योगदर्शन में ईश्वर का स्वरूप : एक विवेचन संदीप ठाकरे (योग विभाग), 5(9),100 - 103 (2017) |
437 . |
मध्यप्रदेश से सोयाबीन निर्यात की संभावनाएं श्रीमती संगीता दुबे (शोधार्थी), 5(9),104 - 107 (2017) |
438 . |
लघुकथाओं में चित्रित नारी के विविध रूप जयश्री झाँकल (शोधार्थी) डॉ. शालिनी मूलचन्दानी (निर्देशक), 5(10),2 - 8 (2017) |
439 . |
मोहनदास नैमिशराय की कहानियों में अभिव्यक्त दलित समस्याएँ टाशी छोमू (शोधार्थी), 5(10),9 - 15 (2017) |
440 . |
मालती जोशी की कहानियों में शिल्प-वैविध्य डॉ. जगदीश चौहान डॉ.श्रीमती मंजुला जोशी, (विभागाध्यक्ष हिन्दी), 5(10),16 - 20 (2017) |
441 . |
असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक प्रस्थिति में परिवर्तन (नैनीताल नगर के सन्दर्भ में) किशोर कुमार (शोधार्थी) डॉ.ज्योति जोशी डी.एस.बी.कॉलेज, 5(10),21 - 28 (2017) |
442 . |
शशिप्रभा शास्त्री के उपन्यासों के कथ्य का अनुशीलन कंचन बाला (शोधार्थी), 5(10),29 - 34 (2017) |
443 . |
35भीष्म साहनी के उपन्यासों में सांस्कृतिक जीवन दर्शन डॉ.दिलीप कुमार झा, 5(10),35 - 40 (2017) |
444 . |
समाचार पत्रों की सामाजिक भूमिका डॉ. चन्द्रकला चौहान, 5(10),55 - 58 (2017) |
445 . |
‘चाँद’ का फाँसी अंक और राष्ट्रीय आन्दोलन दीप कुमार मित्तल (शोधार्थी), 5(10),59 - 63 (2017) |
446 . |
हिन्दी भाषा के प्रश्न और रामवृक्ष बेनीपुरी विनोद आजाद (शोधार्थी), 5(10),64 - 67 (2017) |
447 . |
विजयदान देथा के कथा-साहित्य में चित्रित ग्रामीणजीवन डॉ. मुकेश कुमार, 5(10),71 - 77 (2017) |
448 . |
नरेश मेहता के काव्य में सांस्कृतिक एवं राजनैतिक बोध डॉ. हरिश्चन्द्र अग्रहरि (अतिथि विद्वान), 5(10),78 - 80 (2017) |
449 . |
संत रविदस जी की विलक्षणता डॉ. सुरेश कुमार, 5(11),3 - 6 (2017) |
450 . |
नारी चुनौतियां एवं सशक्तिकरण(प्रभा खेतान और चित्रा मुद्गल के संदर्भ मे) श्रीमती रीता सोनी (शोधार्थी), 5(11),7 - 12 (2017) |
451 . |
शशिप्रभा शास्त्री के कुटुम्बिय नारी कंचन बाला (शोधार्थी), 5(11),13 - 18 (2017) |
452 . |
समकालीन हिंदी कहानी में स्त्री विमर्श ज्योति यादव(शोधार्थी), 5(11),19 - 22 (2017) |
453 . |
हिंदी लघुकथाओ में स्त्री विमर्श एवं माँ का स्वरूप विजिया त्रिवेदी (शोधार्थी), 5(11),23 - 26 (2017) |
454 . |
भीष्म साहनी के उपन्यासों में आर्थिक जीवन डॉ. दिलीप कुमार झा, 5(11),27 - 31 (2017) |
455 . |
इंदौर शहर के निम्न आय वर्ग की आर्थिक निर्भरता में महिला एवं बाल विकास की प्रभावोत्पादकता का विश्लेष्णातक अध्ययन डॉ. पुरुषोत्तम गौतम, 5(11),32 - 39 (2017) |
456 . |
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल सी. बी. एस. ई. की कक्षा पांचवी की पर्यावरण अध्ययन विषय की पाठ्यपुस्तक का विषय वस्तु के प्रति शिक्षकों की प्रतिक्रिया के संदर्भ में अध्ययन प्रो. मीना बुद्दिसागर (सेवानिर्वत), 5(11),40 - 46 (2017) |
457 . |
भाषा प्रयोगशाला का शिक्षक प्रशिक्षणार्थियो की शैक्षणिक उपलब्धि पर पड़ने वाले प्रभाव अध्ययन पूनम गुप्ता (शोधार्थी), 5(11),47 - 52 (2017) |
458 . |
निर्वाचित महिला की भूमिका राजनितिक सहभागिता सशक्तिकरण एक समाजशास्त्रीय अध्ययन पूजा सिंह (शोधार्थी), 5(11),53 - 64 (2017) |
459 . |
इंदौर जिले मे शिक्षित के रोजगार अवसरों की सम्भावनाओ का सामजिक परिवेश में अध्ययन डॉ. सपना सोनी, 5(11),65 - 73 (2017) |
460 . |
राजनितिक चेतना सम्पन्न साहित्यकार प्रेमचंद्र डॉ. शीला श्रीवास्तव, 5(11),74 - 76 (2017) |
461 . |
आर्थिक सापेक्षता, चेतना का रूपान्तरण एवं धर्म जागृति से नव स्वस्थ समाज की संरचना प्रो. बी. एल. जैन, 5(12),53 - 55 (2017) |
462 . |
शिक्षा और संस्कृति का सह-सम्बन्ध डॉ. अमिता जैन, 5(12),0 - 0 (2017) |
463 . |
बाजारवाद के परिप्रेक्ष्य में अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर हिन्दी का बढ़ता वर्चस्व नेहा गोस्वामी (शोधार्थी), 5(12),44 - 49 (2017) |
464 . |
सच्चे लोक हितैषी गोस्वामी तुलसीदास मोहन पाण्डेय, 5(12),40 - 43 (2017) |
465 . |
डॉ. शकुन्तला कालरा के बाल काव्य में विषय वैविध्य रेखा मण्डलोई (शोधार्थी), 5(12),36 - 39 (2017) |
466 . |
डॉ. धर्मचंद विद्यालंकार के कथा साहित्य में चित्रित दलित चेतना डॉ. सुरेश कुमार, 5(12),12 - 17 (2017) |
467 . |
मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास संस्थान की भूमिका : एक अध्ययन सुश्री दिव्या शर्मा (शोधार्थी), 5(12),22 - 26 (2017) |
468 . |
हिन्दी ब्लॉग जगत में महिलाओं का अवदान गायत्री शर्मा (शोधार्थी), 5(12),2 - 7 (2017) |
469 . |
सम्पादकीय: शब्दब्रह्म के पांच वर्ष पुष्पेन्द्र दुबे, 5(12),1 - 0 (2017) |
470 . |
हिन्दी लघुकथा में दलित चेतना विजया त्रिवेदी (शोधार्थी), 5(12),66 - 68 (2017) |
471 . |
इलेक्ट्रानिक मीडिया के सामाजिक सरोकार डॉ.वंदना तिवारी, 6(1),2 - 9 (2017) |
472 . |
संत रविदास की वाणी में प्रतीक योजना डॉ.सुरेश कुमार, 6(1),10 - 14 (2017) |
473 . |
समाचार पत्रों के अति स्थानीयकरण से पाठकों का अहित हरीशचंद्र लखेड़ा (शोधार्थी), 6(1),15 - 20 (2017) |
474 . |
मीडिया और साहित्यिक पत्रकारिता की सामाजिक भूमिका कादम्बिनी मिश्र, 6(1),21 - 24 (2017) |
475 . |
भीष्म साहनी का व्यक्तित्व और कृतित्व डॉ.दिलीप कुमार झा, 6(1),25 - 31 (2017) |
476 . |
पर्यावरण प्रदूषण के प्रति उच्च प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों की समझ का अध्ययन दिव्या तिवारी, 6(1),36 - 44 (2017) |
477 . |
उपनिषदों में ॐ का विश्लेषणात्मक अध्ययन अमित कुमार सिंह, 6(1),45 - 47 (2017) |
478 . |
गालिब के काव्य में सौन्दर्य बोध डॉ. ओबैदुल गफ्फार, 6(1),56 - 60 (2017) |
479 . |
हिंदी साहित्य में आदिवासी जीवन डॉ राजेन्द्र मिश्र, 6(2),2 - 8 (2017) |
480 . |
कविता का रंगरूठ कवि : लीलाधर जगूड़ी डॉ वन्दना झा, 6(2),12 - 17 (2017) |
481 . |
शरीर बनावट के आधार पर व्यक्तित्व की नविन संकल्पनाए (विलियन एच.शेल्डर के सन्धर्भ में) डॉ अमिता जैन, 6(2),23 - 28 (2017) |
482 . |
डॉ धर्मचन्द्र विधालंकर के कथा साहित्य में चित्रित कृषक जीवन डॉ. सुरेश कुमार, 6(2),29 - 32 (2017) |
483 . |
माया वर्मा: व्यक्तित्व और कृतित्व डॉ. बृजेश कुमार त्रिपाठी, 6(2),33 - 37 (2017) |
484 . |
कबीर : व्यक्तित्व और यूग सुनीता देवी, 6(2),38 - 43 (2017) |
485 . |
मेहरुन्निसा परवेज के साहित्य में आदिवासी डॉ. पिंकी पारीक, 6(2),44 - 48 (2017) |
486 . |
मनरेगा का इंदौर संभाग की गरीबी निवारण में योगदान डॉ. जितेन्द्र तलरेजा, 6(2),49 - 52 (2017) |
487 . |
हिंदी में आईटी उत्पाद : एक अध्ययन जितेन्द्र जायसवाल (शोधार्थी), 6(3),2 - 6 (2018) |
488 . |
माया वर्मा के साहित्य में सामाजिक चेतना के विवधि संदर्भ डॉ. बृजेश कुमार त्रिपाठी, 6(3),7 - 10 (2018) |
489 . |
केदारनाथ सिंह की साहित्य साधना सुरेश सरोठिया (शोधार्थी), 6(3),11 - 15 (2018) |
490 . |
निर्मल वर्मा की कहानियों में प्रतीक-योजना डॉ. दीपक शर्मा (शोधार्थी), 6(3),16 - 19 (2018) |
491 . |
नाम साधना में जप तत्व अनूप शर्मा, 6(3),20 - 21 (2018) |
492 . |
स्टेट बैंक ऑफ़ इण्डिया एवं आई.सी.आई.सी.आई. बैंक लि. की उपभोक्ता सेवाओं का ग्राहक संतुष्टि पर प्रभाव का अध्ययन डॉ.दीप्ति बडजात्या, 6(3),22 - 28 (2018) |
493 . |
बारेली बोली के लोकगीतों का विवेचन डॉ. लोहारसिंह ब्राह्मणे, 6(3),29 - 35 (2018) |
494 . |
महिला अपराधियों का अध्ययन : जनपद मेरठ के सन्दर्भ में डॉ. रेनू देवी, 6(3),36 - 45 (2018) |
495 . |
उच्च माध्यमिक स्तर की छात्राओं में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के प्रति जागरूकता का अध्ययन सारिका शर्मा (शोधार्थी), 6(3),46 - 57 (2018) |
496 . |
बीसवीं सदी की उर्दू शायरी में हिन्दुस्तानी औरत का तसव्वुर डॉ.गार्गी अग्रवाल, 6(3),58 - 61 (2018) |
497 . |
आचार्य राममूर्ति त्रिपाठी : व्यक्तित्व और कृतित्व डॉ.मुक्ता यादव, 6(3),62 - 68 (2018) |
498 . |
ग्रामीण क्षेत्रों पर औद्योगीकरण के प्रभाव का अध्ययन डॉ. सत्यवीर सिंह, 6(3),69 - 72 (2018) |
499 . |
झारखण्ड की असुर जनजाति श्रद्धारानी कश्यप सहायक प्राध्यापक (समाजशास्त्र विभाग), 6(4),2 - 5 (2018) |
500 . |
अनुत्तरयोगी : तीर्थंकर महावीर उपन्यास का अनुशीलन डॉ. श्रीमती दीपा चौरसिया, 6(4),6 - 9 (2018) |
501 . |
संजीव कृत अहेर उपन्यास में ग्रामीण जनजीवन नीरज चौहान (शोधार्थी), 6(4),10 - 12 (2018) |
502 . |
भारत में प्रतिनिधि निकाय : एक अध्ययन डॉ. अमित राजपूत, 6(4),13 - 15 (2018) |
503 . |
आदिवासी एवं सामान्य वर्ग की महिलाओं में प्रसार माध्यमों का अनुपूरक आहार के उपयोग पर प्रभाव का तुलनात्मक अध्ययन सुनीता अगलेचा (शोधार्थी), 6(4),16 - 18 (2018) |
504 . |
भारत में पंचायती राज डॉ. अनीता शर्मा, 6(4),19 - 22 (2018) |
505 . |
आधुनिक युगीन शास्त्रीय आलोचना एवं प्रमुख आलोचकों का प्रदेय डॉ. मुक्ता यादव, 6(4),28 - 34 (2018) |
506 . |
इन्दौर के नगरीय व शहरी विकास के लिए पेट्रिक गिडीज द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का विश्लेषणात्मक अध्ययन डॉ.अभिलाषा धाण्डे, 6(4),41 - 44 (2018) |
507 . |
गुरबानी में सशक्तिकरण की अवधारणा जगदीप सिंह, 6(4),45 - 49 (2018) |
508 . |
मध्यप्रदेश में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की बैंकों द्वारा लघु एवं मध्यम उद्योगों को दिए गए ऋणों में गैर-निष्पादित सम्पत्तियों की स्थिति का अध्ययन माया बकोरिया (शोधार्थी), 6(4),144 - 153 (2018) |
509 . |
मध्यप्रदेश में सार्वजनिक बैंकों द्वारा दिए गए शिक्षा ऋणों में गैर-निष्पादित सम्पत्तियों की स्थिति का अध्ययन डॉ.निलेश डागर (शोधार्थी), 6(4),154 - 161 (2018) |
510 . |
मध्यप्रदेश में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की बैंकों के द्वारा दिए गए कृषि ऋणों में गैर-निष्पादित सम्पत्तियों की स्थिति का अध्ययन माया बकोरिया (शोधार्थी), 6(4),162 - 170 (2018) |
511 . |
हिंदी में शोध की प्रक्रिया और तुलनात्मक अध्ययन का महत्त्व गीतांजली साहू (शोधार्थी), 6(5),2 - 6 (2018) |
512 . |
उषा प्रियंवदा की उपन्यास रचना : एक विश्लेषणात्मक अध्ययन डॉ. अनुपमा छाजेड़ (प्राचार्या), 6(5),7 - 13 (2018) |
513 . |
स्त्री और समाज की मानसिकता : एक अध्ययन मनीष चौरे (शोधार्थी), 6(5),14 - 17 (2018) |
514 . |
नरेश मेहता के उपन्यासों का भाषिक वैशिष्ट्य हनुमान प्रसाद प्रजापति (शोधार्थी), 6(5),44 - 47 (2018) |
515 . |
म.प्र. में लघु, सूक्ष्म एवं वृहद उद्योगों की स्थिति का विश्लेषणात्मक अध्ययन सोनू वर्मा (शोधार्थी), 6(5),82 - 86 (2018) |
516 . |
दलित आत्मकथाएँ : जाति प्रथा की पीड़ा व भेदभाव का प्रत्यक्ष प्रमाण रेनू सिंह (शोधार्थी), 6(6),3 - 7 (2018) |
517 . |
सरकारी एवं निजी विद्यालयों के कला वर्ग के विद्यार्थियों की सामाजिक लब्धि का अध्ययन डॉ. प्रज्ञा श्रीवास्तव(एसोसिएट प्रोफेसर), 6(6),8 - 10 (2018) |
518 . |
महिला सशक्तिकरण में महिला शिक्षा की भूमिका :एक समाजशास्त्रीय अध्ययन नेहा सिंह, 6(6),11 - 20 (2018) |
519 . |
किशोरों के शारीरिक एवं मानसिक विकास में अष्टांगयोग की भूमिका : एक अध्ययन बसंत कुमार शिंदे (शोधार्थी), 6(6),21 - 29 (2018) |
520 . |
लोकतंत्र, मीडिया और एजेंडा सेटिंग मनीष काले (शोधार्थी), 6(6),30 - 33 (2018) |
521 . |
अमझेरा के सीरवी समाज की सामाजिक मान्यताएँ दिवाकर सिंह तोमर (शोधार्थी), 6(6),38 - 46 (2018) |
522 . |
ग्रामीण सांस्कृतिक मूल्यों में परिवर्तन और मीडिया अभिषेक प्रताप सिंह (शोधार्थी), 6(6),47 - 51 (2018) |
523 . |
बड़वानी जिले के आदिवासियों की आर्थिक स्थिति का अध्ययन अजय ठाकुर (शोधार्थी), 6(6),52 - 60 (2018) |
524 . |
अनतिख्यात लेखक परम्परा में आचार्य पुंजराज गिरिजा कुमारी (शोधार्थी), 6(7),3 - 8 (2018) |
525 . |
वस्त्रों की ऑनलाइन खरीददारी एवं स्थानीय खुदरा बाजार के मध्य आर्थिक लाभ का अध्ययन इंदौर शहर के युवक-युवतियों के संदर्भ में) आहुति शर्मा (शोधार्थी), 6(7),9 - 13 (2018) |
526 . |
सरकारी एवं निजी विद्यालयों के विज्ञान वर्ग के विद्यार्थियों की सामाजिक लब्धि का अध्ययन डॉ. प्रज्ञा श्रीवास्तव एसोसिएट प्रोफेसर, 6(7),20 - 23 (2018) |
527 . |
लोक मंगलकारी भक्ति का शास्त्रीय स्वरूप डॉ. सुरेश चतुर्वेदी, 6(7),36 - 40 (2018) |
528 . |
जितेन्द्र श्रीवास्तव के काव्य का भाषायी सौन्दर्य भोजराज बारस्कर (शोधार्थी), 6(7),41 - 47 (2018) |
529 . |
संत रविदास के काव्य में अलंकार विधान डॉ. सुरेश कुमार, 6(7),48 - 51 (2018) |
530 . |
नोतरा प्रथा के अवसर पर गाए जाने वाले गीतों में मस्ती और उल्लास का अध्ययन डॉ.वंदना बरमेचा एसोसिएट प्रोफेसर, 6(8),3 - 6 (2018) |
531 . |
भाषा और समाज का अन्तःसम्बन्ध डॉ. रीता तिवारी, 6(8),7 - 19 (2018) |
532 . |
डॉ. अम्बेडकर की दृष्टि में हिन्दू कोड बिल और नारी उत्थान नेत्रपाल सिंह (शोधार्थी), 6(9),2 - 11 (2018) |
533 . |
डॉ. दामोदर खड़से के उपन्यासों में उत्तर आधुनिक विमर्श श्वेता दीक्षित (शोधार्थी), 6(9),12 - 17 (2018) |
534 . |
कृष्णा अग्निहोत्री की कहानियों में महानगरीय जीवन ज्योति शर्मा (शोधार्थी), 6(10),3 - 5 (2018) |
535 . |
स्वयं प्रकाश की कहानियों में कस्बाई और महानगरीय परिवेश कविता शर्मा (शोधार्थी), 6(10),6 - 9 (2018) |
536 . |
अटल जी की कविता में समाहित एकात्म के स्वर छत्रवीर सिंह राठौर, 6(10),10 - 13 (2018) |
537 . |
शब्द ब्रह्म की प्राप्ति के उपाय डॉ. जयकृष्ण (अतिथि अध्यापक), 6(11),3 - 9 (2018) |
538 . |
कवि आलम : व्यक्तित्व और कृतित्व डॉ. अंजूबाला सीमार (सहायक आचार्य), 6(11),10 - 19 (2018) |
539 . |
संस्कृत वाङ्मय में वर्णित नारी सशक्तिकरण की वर्तमान में प्रासङ्गिकता अनुराधा (शोधार्थी), 6(11),20 - 23 (2018) |
540 . |
भारतीय संस्कृत शोकनाट्याचा जनक : नाटककार भास राहुल राम हळदे (शोधार्थी), 6(11),24 - 28 (2018) |
541 . |
मिथिलेश्वर के उपन्यासों में नारी संघर्ष बबीता कुमारी (शोधार्थी), 6(12),2 - 5 (2018) |
542 . |
व्यंग्य का स्वरूप एवं हरिशंकर परसाई डॉ. अनुपमा छाजेड़, 6(12),6 - 10 (2018) |
543 . |
नरेश मेहता के उपन्यास में प्रयुक्त कथानक शैलियाँ हनुमान प्रसाद प्रजापति (शोधार्थी), 6(12),11 - 16 (2018) |
544 . |
कतिपयानां संस्कृतशब्दानां प्रयोगविमर्शः डॉ. जयकृष्णः, 6(12),17 - 22 (2018) |
545 . |
तरुण भटनागर का कथा साहित्य : सामाजिक विसंगतियों के सन्दर्भ में आरती चौहान (शोधार्थी), 6(12),23 - 29 (2018) |
546 . |
व्याकरणदृष्ट्या साधुशब्दविवेचनम् डॉ. जयकृष्ण:, 7(1),2 - 7 (2018) |
547 . |
जनसंख्या शिक्षा के प्रति बी. एड. प्रशिक्षणार्थियों की अभिवृत्ति का अध्ययन श्रीमती दीपिका हुरमाड़े, 7(1),8 - 15 (2018) |
548 . |
निम्न उपलब्धि स्तर के कारणों का अध्ययन एवं समाधान डॉ. अरूणा वाजपेयी, 7(1),16 - 19 (2018) |
549 . |
आलम के काव्य में भाव निरूपण डॉ.अंजूबाला सीमर, 7(2),3 - 10 (2018) |
550 . |
इन्दौर महानगर के मालवी कवियों की रचनाधर्मिता विनोद वर्मा (शोधार्थी), 7(2),11 - 14 (2018) |
551 . |
‘वीणा’ में प्रकाशित समीक्षाओं का मूल्यांकन मीना बिल्लोरे (शोधार्थी), 7(2),15 - 18 (2018) |
552 . |
इन्दौर महानगर के मालवी कहानीकार : श्रीनिवास जोशी विनोद वर्मा (शोधार्थी), 7(3),7 - 10 (2019) |
553 . |
स्त्री चेतना के संदर्भ में औरत उपन्यास दीप्ति, 7(3),3 - 6 (2019) |
554 . |
आलोचना में विचारधारा और राजनीति की भूमिका कविता उपाध्याय (शोधार्थी), 7(4),4 - 10 (2019) |
555 . |
रोग विचार की पृष्ठभूमि प्रदीप कुमार मिश्र (शोधार्थी), 7(4),11 - 22 (2019) |
556 . |
मृगावती के स्त्री पात्रों का विवेचनात्मक अध्ययन छाया चौबे (शोधार्थी), 7(5),3 - 9 (2019) |
557 . |
A Study of the Foreign Policy of Mongolia With Special Reference to the ‘Third Neighbour Policy’ Prof. Ulziit Luvsanjav, 7(5),10 - 15 (2019) |
558 . |
छायावादोत्तर युग की कविता : एक विहंगावलोकन सीमा मिश्र (सहायक प्राध्यापक), 7(6),2 - 5 (2019) |
559 . |
स्त्री-विमर्श : आधुनिक परिप्रेक्ष्य में मनीष चौरे (शोधार्थी), 7(6),6 - 10 (2019) |
560 . |
श्रीमद्भगवद्गीता के ज्ञान, भक्ति एवं कर्मयोग की वर्तमान में उपादेयता डॉ. उमा दवे, 7(7),6 - 11 (2019) |
561 . |
Social Engagement of Sangha (monks) in Myanmar Prof. Ulziit Luvsanjav, 7(7),12 - 17 (2019) |
562 . |
शरद जोशी के व्यंग्य निबंधों में राजनीति और प्रशासन निशी राघव (शोधार्थी), 7(8),2 - 8 (2019) |
563 . |
जनवाद के सन्दर्भ में निराला के काव्य का मूल्यांकन कण्व कुमार मिश्र (शोधार्थी), 7(8),9 - 11 (2019) |
564 . |
आदिवासियों के आर्थिक विकास में कृषि उपज का योगदान झाबुआ जिले के विशेष संदर्भ में संगीता कटारा (शोधार्थी) , डॉ. प्रकाश गर्ग, 7(9),3 - 9 (2019) |
565 . |
श्रीलाल शुक्ल के कथा-साहित्य में वर्णित प्रमुख शैलियों का विवेचनात्मक अध्ययन नरेन्द्र सिंह (शोधार्थी), 7(9),10 - 17 (2019) |
566 . |
आदिवासियों के उत्थान में पशुपालन का योगदान झाबुआ जिले के विशेष सन्दर्भ में संगीता कटारा (शोधार्थी), 7(9),22 - 29 (2019) |
567 . |
स्तनपान कराने वाली महिलाओं के आहार में कीटनाशकों का प्रभाव (बड़वानी जिले के सन्दर्भ में) डॉ. सुनीता अगलेचा, 7(11),2 - 5 (2019) |
568 . |
स्मृति के साथ विस्मृति का महत्त्व : आचार्य महाप्रज्ञ डॉ. अमिता जैन, 7(11),6 - 8 (2019) |
569 . |
शिक्षा की अनमोल अन्तः प्रेरणा प्रो. बी. एल. जैन, 7(11),9 - 12 (2019) |
570 . |
मुक्तिबोध के काव्य का तुलनात्मक अध्ययन समकालीन कवियों के संदर्भ में ब्रह्मप्रकाश शर्मा (शोधार्थी) , डॉ. अनुभा पाण्डे (शोध निर्देशक), 7(12),3 - 8 (2019) |
571 . |
कवि हर महेंद्र सिंह बेदी के काव्य में मानवीय अनुभूति हरिराम (शोधार्थी), 7(12),9 - 12 (2019) |
572 . |
राजस्थान की फड़ लोक कला का अध्ययन जाह्नवी पाण्डेय (शोधार्थी) , प्रोफेसर चित्रलेखा सिंह (संकायाध्यक्ष) , 7(12),13 - 15 (2019) |
573 . |
डॉ. हर महेंद्र सिंह बेदी : व्यक्तित्व और कृतित्व हेतराम (शोधार्थी), 8(1),2 - 8 (2019) |
574 . |
हिन्दी कविता में महिला सशक्तीकरण डॉ. बृजेश धर दुबे(सहायक प्राध्यापक), 8(1),9 - 12 (2019) |
575 . |
राजस्थान के कलाकारों का सांगीतिक योगदान संजय कुमार बारेठ (शोधार्थी), डॉ. ओममनाथ व्यास (शोध निर्देशक), 8(2),14 - 20 (2019) |
576 . |
हिन्दी उपन्यासों में आर्थिक विमर्श डॉ॰ मोहन सिंह यादव, 8(2),26 - 32 (2019) |
577 . |
काका कालेलकर के यात्रा वृत्तांत के विभिन्न आयाम‘यात्रा का आनंद’के विशेष संदर्भ में श्रीमती प्रीति व्यास (शोधार्थी), 8(3),3 - 10 (2020) |
578 . |
डॉ. प्रतिभा रॉय के उपन्यास ‘पुण्यतोया’ का विश्लेषणात्मक अध्ययन डॉ. दयानिधि सा(सहायक प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष), 8(3),30 - 37 (2020) |
579 . |
रत्नकुमार सांभरिया की लघुकथाओं में दलित चेतना मनोज सामा पाडवी(शोधार्थी),डॉ.आर.ए.माली (प्राचार्य), 8(4),2 - 5 (2020) |
580 . |
नैतिक मूल्य : मनुष्यता की पहचान डॉ. ममता गोखे सहायक प्राध्यापक (हिन्दी), 8(4),6 - 9 (2020) |
581 . |
प्रेमचन्द के साहित्य में नारी का बदलता स्वरूप प्रियंका गुप्ता (शोधार्थी), 8(4),10 - 13 (2020) |
582 . |
कमलेश्वर के उपन्यास में सत्याग्रह विचार श्रीमती अर्चना त्रिवेदी (शोधार्थी), डॉ पुष्पेंद्र दुबे (निर्देशक), 8(4),14 - 17 (2020) |
583 . |
भारतीय संस्कारों के साथ पाश्चात्य जीवन शैली में निर्वासित होने की पीड़ा का आख्यान: ‘हवन’ योगेन्द्र सिंह(शोधार्थी), 8(5),3 - 14 (2020) |
584 . |
जैन कर्मवाद का विश्लेषणात्मक अध्ययन नीरू जैन (शोधार्थी),डॉ. उग्रसेन पाण्डेय (निर्देशक), 8(5),21 - 25 (2020) |
585 . |
‘डरी हुई लड़की’में स्त्री मनोदशा का अंकन अकबर अली शेख, 8(6),2 - 5 (2020) |
586 . |
हिंदी उपन्यासों में रचनात्मक कार्यक्रम : एक विश्लेषण श्रीमती अर्चना त्रिवेदी (शोधार्थी), डॉ पुष्पेंद्र दुबे (निर्देशक), 8(6),6 - 17 (2020) |
587 . |
हिन्दी की चुनिन्दा कहानियों में किन्नर विमर्श विजयश्री तू. सातपालकर (शोधार्थी), 8(7),7 - 9 (2020) |
588 . |
हिंदी कविताओं में आदिवासी समाज छविंदर कुमार (सहायक प्राध्यापक) , 8(8),3 - 10 (2020) |
589 . |
नीतिकाव्य और कबीर डॉ. हरिश्चन्द्र अग्रहरि (अतिथि विद्वान), 8(8),11 - 15 (2020) |
590 . |
कवि अरूण कमल के काव्य में सामाजिक और मानवीय सन्दर्भ परमानंद पाटीदार (शोधार्थी), 8(9),2 - 6 (2020) |
591 . |
परसाई जी के व्यंग्य संग्रह ‘ऐसा भी सोचा जाता है’ में सामाजिक यथार्थ बिपन कुमार महतो (शोधार्थी), 8(9),7 - 11 (2020) |
592 . |
हिन्दी की महिला आत्मकथाकारों द्वारा अभिव्यक्त स्त्री-विमर्श डॉ. हरिश्चन्द्र अग्रहरि (अतिथि विद्वान), 8(9),12 - 16 (2020) |
593 . |
डॉ.मोहन गुप्त के रामकथा परक उपन्यासों का विश्लेषणात्मक अध्ययन विक्रम पाटीदार (शोधार्थी), 8(9),17 - 19 (2020) |
594 . |
कुपोषण से उत्पन्न बीमारियां और उनसे बचाव राजेश कुमार पाल (शोधार्थी), 8(9),20 - 22 (2020) |
595 . |
संगीत वाद्य हारमोनियम के विभिन्न प्रकार विजय गोथरवाल (शोधार्थी), 8(9),23 - 26 (2020) |
596 . |
ई. वी. रामासामी नायकर (पेरियार) : संघर्षशील व्यक्तित्व लिंकन कुमार (शोधार्थी), 8(9),27 - 34 (2020) |
597 . |
विद्यालयों में अभिधारकों का दंड के प्रति अभिमत ऋषिकेश जाटव (शोधार्थी), डॉ.प्रमिला दुबे (निर्देशक), 8(10),3 - 5 (2020) |
598 . |
भारतीय राजनीति में लोकतंत्र की भूमिका डॉ. गौरी सिंह परते, 8(10),11 - 15 (2020) |
599 . |
तुलसी साहित्य में आधुनिक बोध डॉ. बृजेश धर दुबे, 8(10),16 - 20 (2020) |
600 . |
इन्दौर शहर के उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों हेतु विद्यालयों में संचालित शैक्षिक निर्देशन सेवा का अध्ययन दीपिका हुरमाड़े, 8(10),21 - 29 (2020) |
601 . |
आलोचकों की दृष्टि में गोदान डॉ. कुमारी सीमा, 8(11),3 - 10 (2020) |
602 . |
रघुवीर सहाय के रामदास की प्रासंगिकता कनक कुमारी (शोधार्थी), 8(11),11 - 15 (2020) |
603 . |
मालवी निर्गुणी भजन में उपयोगी संगत वाद्य-यंत्र (संत कबीर के सन्दर्भ में) महेश यादव (शोधार्थी), 8(11),16 - 19 (2020) |
604 . |
एमसीएक्स व्यापार पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव का अध्ययन ( विशेष संदर्भ कृषि एवं धातु क्षेत्र ) तृप्ति बड़जात्या (शोधार्थी), 8(11),20 - 25 (2020) |
605 . |
छायावादी कवि चतुष्टय का शिल्पगत वैशिष्ट्य विभा मलिक (शोधार्थी), 8(12),2 - 6 (2020) |
606 . |
संस्कृत गद्य काव्य शिवराजविजय में द्वारपाल की प्रासंगिकता परमानन्द कुमार (शोधार्थी), 8(12),7 - 10 (2020) |
607 . |
सामाजिक समस्याएँ और हंस की वैचारिक बहसें डॉ.संजीव कुमार, 8(12),11 - 15 (2020) |
608 . |
उच्च माध्यमिक स्तर के राजकीय एवं अराजकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों में जीवन कौशल शिक्षा का अध्ययन (बून्दी जिले के सन्दर्भ में) खेमचन्द (शोधार्थी), 8(12),16 - 19 (2020) |
609 . |
भोजपुरी लोकगीतो में अभिव्यक्त मानव जीवन एवं संस्कृति डॉ. अजय कुमार वर्मा, 9(1),2 - 8 (2020) |
610 . |
शिवराजविजय में राष्ट्रभक्तिपरक चिंतन परमानन्द कुमार (शोधार्थी), 9(1),9 - 12 (2020) |
611 . |
भारतीय संस्कृति में विज्ञान परम्परा कुमारी विक्टोरिया (शोधार्थी), 9(1),13 - 18 (2020) |
612 . |
भारत के प्रमुख लोकनाट्य: एक अनुशीलन डॉ. श्वेता पंड्या, 9(2),2 - 27 (2020) |
613 . |
सोशल मीडिया का भारतीय युवा वर्ग पर प्रभाव डॉ.सुलभा काकिरडे, सीमा चौकसे(शोधार्थी), 9(2),28 - 31 (2020) |
614 . |
वाक्य संरचना का अनिवार्य पहलू : पदान्विति डॉ. आशा पाण्डेय, 9(3),4 - 10 (2021) |
615 . |
वैदिक साहित्य में नारी डॉ.संध्या राठौर , 9(3),11 - 15 (2021) |
616 . |
पत्रकारिता में सामाजिक परिवर्तन ह्रदय नारायण तिवारी , 9(3),24 - 31 (2021) |
617 . |
महात्मा गाँधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम का महिलाओ की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर प्रभाव(ललितपुर जनपद के सन्दर्भ में) वंदना सिंह(शोधार्थी), , 9(3),32 - 38 (2021) |
618 . |
Role of the Sitagu Sayadaw to Social welfare in Myanmar ACINNA (Researcher), 9(3),39 - 41 (2021) |
619 . |
छतीसगढ़ी और हलबी में प्रयुक्त रिश्ते-नाते की शब्दावली का तुलनात्मक अध्ययन हितेश कुमार (शोधार्थी), 9(4),2 - 11 (2021) |
620 . |
अन्य भाषा के रूप में हिंदी भाषा की शिक्षण की व्यावहारिक समस्याएं डॉ.आशा पाण्डेय , 9(4),12 - 15 (2021) |
621 . |
कुडियाटटम आणि भास् : एक अंतर्संबंध राहुल राम हलदे, 9(4),16 - 21 (2021) |
622 . |
भारत में उच्च शिक्षा में संचार एवं सूचना प्रोद्योगिकी की भूमिका प्रियंका मीणा, 9(4),22 - 27 (2021) |
623 . |
इतिहास के आईने में बोद्ध दर्शन डॉ. सविता मरावी, 9(5),4 - 12 (2021) |
624 . |
लेखांकन शिक्षण में तकनीकी आधारित खेल विधि एवं परिचर्चा विधि का चयन: एक तुलनात्मक अध्ययन डॉ. सपना यादव , 9(5),13 - 20 (2021) |
625 . |
आधुनिक भारत में वर्ग डॉ. रश्मि यादव, 9(7),3 - 8 (2021) |
626 . |
मध्यप्रदेश के दतिया जिले के पिछड़ेपन के कारण एवं निदान डॉ. मनीषा मिश्रा , 9(7),9 - 12 (2021) |
627 . |
भक्ति रस का उद्धव व विकास डॉ. अमित प्रकाश पाण्डेय, 9(8),2 - 7 (2021) |
628 . |
संस्कृत नाट्य परंपरेतील आदय नाटककार भास का अश्वघोस : एक अध्ययन प्रो राहुल राम हालदे, प्रो डॉ.संजय पाटील देवळाणकर, 9(8),8 - 17 (2021) |
629 . |
तुलसी साहित्य में समरसता एवं समन्वय राखी चतुर्वेदी सोरठिया, 9(8),18 - 22 (2021) |
630 . |
किशोर एवं किशोरियों की बुद्धि लब्धि का उनके समायोजन पर पड़ने वाले प्रभाव का तुलनात्मक अध्ययन कु. प्रीतिबाला अलावे (शोधार्थी), डॉ.मंजू शर्मा[ (शोध निर्देशिका), 9(9),2 - 14 (2021) |
631 . |
भारत में अध्यापक शिक्षा में गुणवत्ता का अध्ययन पखेमचंद (शोधार्थी), प्रोफ. रीटा शर्मा( (शोध निर्देशिक), 9(9),15 - 17 (2021) |
632 . |
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मूल्य आधारित शिक्षा की आवश्यकता: एक अवलोकन वंदना राणा, 9(9),18 - 23 (2021) |
633 . |
भारतीय संस्कृति की अनुपम विशेषताए प्रो. बनवारीलाल जैन, 9(9),24 - 27 (2021) |
634 . |
सम्यक जीवन की शिक्षा और संस्कृति संरक्षण डॉ. अमिता जैन, 9(9),28 - 30 (2021) |
635 . |
किशोर एवं किशोरियों की बुद्धि लब्धि का उनके समायोजन पर पड़ने वाले प्रभाव का तुलनात्मक अध्ययन कु. प्रीतिबाला अलावे (शोधार्थी), डॉ.मंजू शर्मा[ (शोध निर्देशिका), 9(9),2 - 14 (2021) |
636 . |
भारत में अध्यापक शिक्षा में गुणवत्ता का अध्ययन पखेमचंद (शोधार्थी), प्रोफ. रीटा शर्मा( (शोध निर्देशिक), 9(9),15 - 17 (2021) |
637 . |
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मूल्य आधारित शिक्षा की आवश्यकता: एक अवलोकन वंदना राणा, 9(9),18 - 23 (2021) |
638 . |
भारतीय संस्कृति की अनुपम विशेषताए प्रो. बनवारीलाल जैन, 9(9),24 - 27 (2021) |
639 . |
सम्यक जीवन की शिक्षा और संस्कृति संरक्षण डॉ. अमिता जैन, 9(9),28 - 30 (2021) |
640 . |
यूरोप में हिंदी शोध एकता(शोधार्थी), 9(11),3 - 8 (2021) |
641 . |
जनजातीय क्षेत्रो में इग्नू ग्राम चौपाल उच्च शिक्षा जागरूकता की अभिनव पहल डॉ शैलेश शर्मा, डॉ मनीषा शर्मा, हरिओम विश्वकर्मा, 9(11),9 - 12 (2021) |
642 . |
कितने घाव होने है उपन्यास में नारी संघर्ष शिवाली शर्मा (शोधार्थी), 9(11),12 - 16 (2021) |
643 . |
आदिवासी साहित्य : स्वरुप , विस्तार और संभावनाए डॉ.कनुभाई वसावा(सहायक अध्यापक), 9(11),17 - 25 (2021) |
644 . |
मोर्चे उपन्यास में स्त्री संघर्ष लक्ष्मी देवी (शोधार्थी), 9(11),26 - 30 (2021) |
645 . |
समकालीन हिंदी गजल में यथार्थ चित्रण आरती देवी (शोधार्थी), 9(11),31 - 36 (2021) |
646 . |
कासिका में लोक जीवन की अभिव्यक्ति डॉक्टर रामानंद तिवारी, 9(12),3 - 9 (2021) |
647 . |
यकथक का लुधियाना घराना और पं. कृष्णमोहन मिश्रा महाराज मेघा शर्मा(शोधार्थी), 9(12),10 - 13 (2021) |
648 . |
किशोर न्याय देखरेख व संरक्षण 2015 और किशोरों का बदलता स्वरुप : एक प्रबंधकीय दृष्टिकोण ओजस्कर पाण्डेय (शोधार्थी),डॉ विजय कुमार, 9(12),14 - 21 (2021) |
649 . |
नाटककार भास : प्रयोगात्मक नवनिर्मितीची जनक प्रा. राहुल राम हळदे(शोधार्थी),प्रा. डॉ.संजय पाटील देवळाणकर(मार्गदर्शक), 9(12),22 - 25 (2021) |
650 . |
हिन्दी काव्य में जल के विविध रंग डॉ. संगीता वर्मा, 9(12),26 - 30 (2021) |
651 . |
मीडिया में दलित भागीदारी का प्रशन डॉ. घनश्याम दास, 10(1),2 - 6 (2021) |
652 . |
पितृ सत्तात्मक समाज और स्त्री नैतिकता डॉ. अनिल कुमार जयंत, 10(1),7 - 11 (2021) |
653 . |
लोक में संस्कारो का संचार करते लोकगीत कमल किशोर रावत, 10(2),2 - 7 (2021) |
654 . |
महाकवि वसंत त्रम्बक शेवड़े प्रणीत कृतियों में न्याय सिद्धांत: एक समीक्षात्मक अध्ययन डॉ हंसराज मीना, 10(2),8 - 13 (2021) |
655 . |
अज्ञेय के काव्य में अलंकार योजना डॉ.मनमीत कौर, 10(2),13 - 17 (2021) |
656 . |
चित्रा मुद्गल की कहानियों में नारी के विविध रूप डॉ.मनोहर गौतम, 10(2),18 - 22 (2021) |
657 . |
शयोपुर जिले की जीवनदायनी सीप नदी: एक विहंगावलोकन खेमराज आर्य (शोधाथी ),डॉ. परवीन वर्मा, 10(2),23 - 27 (2021) |
658 . |
उत्तराखंड के लोकनाटय एवं उनकी वर्तमान स्थति डॉ. दीपक चन्द्र सिंह मेहता, 10(2),28 - 35 (2021) |
659 . |
सन 1857 से पूर्व अलीगढ जनपद का संक्षिप्त इतिहास डॉ सुधीर कुमार शर्मा, 10(3),3 - 10 (2022) |
660 . |
स्वामी विवेकानंद के रजनीतिक विचार डॉ गौरी सिंह परते, 10(3),11 - 16 (2022) |
661 . |
स्वतंत्रता पूर्व एवं स्वातंत्रोत्तर रजनीतिक परिस्थितिया एवं नुक्कड़ नाटक शिवकुमार वर्मा (शोधार्थी), 10(3),17 - 24 (2022) |
662 . |
मनुजत्व की प्रासंगिकता और रश्मिरथी डॉ आशा मीणा, 10(4),2 - 6 (2022) |
663 . |
Morality and Its Values Jyotipala (Researcher), 10(4),7 - 10 (2022) |
664 . |
सामाजिक समरसता के अमर गायक संत रविदास अजय सिंह रावत (शोधार्थी), 10(4),11 - 14 (2022) |
665 . |
The Origin of the Bodhisattva Ven. Tejavamta (Researcher), 10(4),15 - 19 (2022) |
666 . |
हिंदी के प्रमुख स्मृति शेष लघुकथाकार और उनकी लघुकथाएँ अनूप कुमार (शोधार्थी), 10(5),2 - 6 (2022) |
667 . |
आयुर्वेद दर्शन में मनस की अवधारणा दलिप कुमार मीणा, 10(5),7 - 15 (2022) |
668 . |
नवजागरण काल के सामाजिक परिदृश्य में स्त्री संघर्ष कपिल कुमार गौतम (शोधार्थी), 10(5),16 - 21 (2022) |
669 . |
प्रसाद की कामायनी में आनंदवाद डॉ. शशिकांत चंदेला, 10(5),22 - 26 (2022) |
670 . |
पमृदुला गर्ग के उपन्यासों का पुनरावलोकन रीना राठौर (शोधार्थी), 10(5),27 - 32 (2022) |
671 . |
बाल कविताओ मे करुण रस का महत्व सीमा मिस्त्री (शोधार्थी), 10(6),3 - 8 (2022) |
672 . |
शिक्षण प्रतिमान की अवधारणा डॉ. अमिता जैन, 10(6),9 - 12 (2022) |
673 . |
प्रेमचंद की चिंता : तब और अब डॉ. पूनम राठी, 10(6),13 - 17 (2022) |
674 . |
एक कंठ विषपायी में मूल्य - संघर्ष डॉ. पूनम राठी, 10(7),2 - 6 (2022) |
675 . |
शिवराम के नुक्कड़ नाटक में स्त्री विमर्श डॉ. मीता शर्मा, 10(7),7 - 9 (2022) |
676 . |
संतुलित आहार विज्ञान प्रो.बी. एल. जैना, 10(7),10 - 15 (2022) |
677 . |
कोरजा उपन्यास में चित्रित स्त्री संघर्ष कुमारी सपना भारती (शोधार्थी), 10(7),25 - 28 (2022) |
678 . |
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं की भूमिका डॉ. पंकज द्विवेदी, 10(8),4 - 8 (2022) |
679 . |
टैगोर के शिक्षा-दर्शन की उपादेयता डॉ. मयानंद उपाध्याय (शोध निर्देशक), अंकुर सहाय श्रीवास्तव (शोधार्थी), 10(8),9 - 11 (2022) |
680 . |
महिला सशक्तिकरण और समाज डॉ. विमलेश यादव, 10(8),12 - 15 (2022) |
681 . |
गोविन्द चातक के ‘बाँसुरी बजती रही’ नाटक में लोक तत्व कल्पना वर्मा, वसंत कुंज, 10(9),3 - 5 (2022) |
682 . |
महाश्वेता देवी के उपन्यासों का विश्लेषणात्मक अध्ययन श्यामली पांडेय(शोधार्थी), डॉ. बिजय कुमार प्रधान (शोध निर्देशक), 10(10),2 - 8 (2022) |
683 . |
छत्तीसगढ़ के यदुवंशियों का सांस्कृतिक अध्ययन डॉ. एस.कुमार, 10(12),2 - 6 (2022) |
684 . |
भारतीय धर्म का आधार संस्कार डॉ. सुनीता कुमारी, 11(3),2 - 4 (2023) |
685 . |
गीता का कर्मवाद और शैक्षणिक जीवन में नेतृत्व का प्रभाव अश्मिका सिन्हा (शोधार्थी), 11(3),5 - 15 (2023) |
686 . |
एफ. एम. प्रसारण : भाषा-व्यवहार डॉ. लड्डू लाल मीना, 11(5),2 - 5 (2023) |
687 . |
युग निर्माता : लोकमान्य तिलक डॉ. सुनीता कुमारी, 11(5),6 - 8 (2023) |
688 . |
लोक संगीत का बदलता स्वरुप चेतन सिंह राजपूत (शोधार्थी), डॉ. अपर्णा अग्निहोत्री (शोध निर्देशक), 11(5),9 - 11 (2023) |
689 . |
संविधान सभा और हिंदी भाषा डॉ.अवधेश कु मार जौहरी, 11(5),12 - 16 (2023) |
690 . |
मेवाड़ की भित्ति चित्रकला : उदयपुर के संदर्भ में डॉ.लक्ष्मण लाल कुम्हार, 11(6),3 - 9 (2023) |
691 . |
श्रीमत्प्रतापराणायन महाकाव्य में देश प्रेम डॉ. रजनीश शर्मा, 11(6),9 - 16 (2023) |
692 . |
महादेवी वर्मा का व्यक्तित्त्व एवं कृतित्व डॉ सुनीता सिंह मरकाम, 11(6),17 - 20 (2023) |
693 . |
उचित खानपान से कैंसर उपचार में सकारात्मक परिवर्तन स्नेहलता शर्मा (शोधार्थी), 11(6),21 - 24 (2023) |
694 . |
श्रीमद्भगवद्गीता में वर्णित ब्रह्मतत्त्व विवेचन डॉ.भारत भूषण सिंह, 11(8),2 - 6 (2023) |
695 . |
डॉ.रामविलास शर्मा की दृष्टि में प्रेमचंद डॉ. हरेराम सिंह, 11(8),8 - 15 (2023) |
696 . |
तुलसी काव्य में दांपत्य संबंध गौरव गौतम (शोधार्थी), 11(8),16 - 26 (2023) |
697 . |
अग्निशेखर के साहित्य में विस्थापन की वेदना यशवंत काछी (शोधार्थी), 11(8),27 - 33 (2023) |
698 . |
आचार्य रजनीश एवं उनके समकालीन दार्शनिकों का शैक्षिक चिन्तन मीनाक्षी शर्मा (शोधार्थी), 11(8),34 - 38 (2023) |
699 . |
भारतीय साहित्य और संस्कृति का अंतर्संबंध एवं बदलता परिवेश अनिता नाईक (शोधार्थी), 11(8),39 - 45 (2023) |
700 . |
मास्टर धरमदास में शिक्षा विमर्श (नई कविता के विशिष्ट संदर्भ में) शुभा चौधरी (शोधार्थी), 11(8),49 - 53 (2023) |
701 . |
शसेनापति कृत ‘कवित्त रत्नाकर’ की रस योजना डॉ. अतुल कुमार पाण्डेय, 11(9),2 - 7 (2023) |
702 . |
‘संतप्त’ आत्मकथा में दलित जीवन की त्रासदी डॉ. संतोष रोडे, 11(9),8 - 10 (2023) |
703 . |
रामस्नेही सम्प्रदाय में संत साहित्य का विहंगमावलोकन अंकिता दाधीच (शोधार्थी), डॉ.रजनीश शर्मा (शोध निर्देशक), 11(9),11 - 15 (2023) |
704 . |
सामाजिक चिन्तक का आत्म संघर्ष : ‘गौ-उवाच’ मंजु यादव (शोधार्थी), 11(9),16 - 22 (2023) |
705 . |
अग्निशेखर के साहित्य में विस्थापन की वेदना डॉ. चेतना शर्मा, 11(9),23 - 29 (2023) |
706 . |
बदलते संदर्भों में समकालीन कविता : नये निकष एवं नये मानक अरशदा रिज़वी (शोधार्थी), 11(11),3 - 11 (2023) |
707 . |
राजस्थान में जल संरक्षण की पारंपरिक संरचनाएँ डॉ.रेखा गुप्ता, 11(11),12 - 17 (2023) |
708 . |
समकालीन अमूर्तकला में प्रयोगधर्मिता डॉ. अचल अरविन्द, 11(11),18 - 26 (2023) |
709 . |
कथेतर साहित्य में मानवीय मूल्य एवं प्रकृति डॉ. शिलाची कुमारी, 11(11),27 - 34 (2023) |
710 . |
प्राचीन भारतीय न्याय व्यवस्था का आधुनिक परिपेक्ष्य में अध्ययन कुसुम लता मौर्य , अयोध्या नाथ त्रिपाठी , 11(11),35 - 43 (2023) |
711 . |
श्रीमद्भगवदगीता, उपनिषद् एवं अद्वैत वेदांत के परिप्रेक्ष्य में अध्यात्म का निरूपण डॉ. उमा दवे, 11(11),44 - 49 (2023) |
712 . |
प्रतापविजयम् में राष्ट्रीय भावना का अनुशीलन पायल अग्रवाल (शोधार्थी), डॉ. रजनीश शर्मा (शोध निर्देशक), 11(12),3 - 6 (2023) |
713 . |
निराला साहित्य में बिम्ब और प्रतीक विधान चेतना दरगड़ (शोधार्थी), डॉ. अवधेश कुमार जौहरी (शोध निर्देशक), 11(12),7 - 10 (2023) |
714 . |
सूरदास के काव्य में श्रीकृष्ण-उपासना विजयलक्ष्मी अग्रवाल (शोधार्थी), डॉ. अवधेश कुमार जौहरी (शोध निर्देशक), 11(12),11 - 14 (2023) |
715 . |
बौद्ध धर्म : नैतिकता और विश्व शांति शरणपाल सिंह (शोधार्थी), डॉ.मनीष टी.मेश्राम (शोध निर्देशक), 12(2),2 - 10 (2023) |
716 . |
भवानी प्रसाद मिश्र के काव्य में प्रकृति के विविध भाव बोध प्रणव शर्मा (शोधार्थी), डॉ. कैलाश शर्मा (शोध निर्देशक), डॉ. बलजीत कौर (सह शोध निर्देशक), 12(2),11 - 15 (2023) |
717 . |
आधुनिक युग में श्री अरविंद के शिक्षा दर्शन की प्रासंगिकता का समीक्षात्मक अध्ययन कपिल नेमा (शोधाथी ), 12(2),16 - 23 (2023) |
718 . |
महात्मा गाँधी का शिक्षा दर्शन और राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 भाषाई दृष्टीकोण के विशेष संदर्भ में डॉ. वासुदेव भाऊसाहेब ऊगले, 12(2),24 - 28 (2023) |
719 . |
देवेश ठाकुर के उपन्यासों में सांप्रदायिकता के स्वर देवराम (शोधार्थी), 12(3),3 - 9 (2024) |
720 . |
चित्रा मुद्गल के उपन्यासों में नारी विमर्श देवकन्या महावर (शोधार्थी हिंदी), डॉ. अनिता वर्मा (शोध निर्देशक), 12(3),10 - 15 (2024) |
721 . |
मल्टीप्लेक्स सिनेमा में स्त्री की सेल्युलाइड निर्मिति डॉ. विजेन्द्र सिंह चौहान, डॉ. नीलिमा चौहान, 12(3),16 - 20 (2024) |
722 . |
दडॉ. रमेश पोखरियाल ’निशंक’ कृत उपन्यासों में प्रकृति चिंतन कुलदीप कुमार (शोधार्थी), डॉ. अर्चना सिंह, 12(4),3 - 6 (2024) |
723 . |
मीरा के काव्य में सामन्ती रूढ़ियों का विद्रोह नीलम सिन्हा (शोधार्थी),डॉ.अवधेश कुमार जौहरी (शोध निर्देशक), 12(4),7 - 10 (2024) |
724 . |
Exploring the Significance of Buddhist Hybrid Sanskrit in Buddhist Literature Dr. Yeshpal, 12(4),11 - 17 (2024) |
725 . |
कामकाजी महिलाओं की समस्याएँ एवं आर्थिक सशक्तिकरण की स्थिति का अध्ययन मात्रे प्रतिभा (शोधार्थी),वर्मा कौशलेन्द्र (शोध निर्देशक), 12(4),18 - 26 (2024) |
726 . |
औपन्यासिक परम्परा में आरंभिक प्रयोगधर्मी हिन्दी उपन्यास डॉ. मुकेश कुमार, 12(5),2 - 10 (2024) |
727 . |
विश्वनाथ प्रसाद तिवारी द्वारा रचित संस्मरण : ‘एक नाव के यात्री’ कु.ज्योति बोवालकर (शोधार्थी), 12(5),11 - 14 (2024) |
728 . |
अब्दुल बिस्मिल्लाह और मंजूर एहतेशाम के साहित्य में पारिवारिक संघर्ष का तुलनात्मक अध्ययन सुरेश कुमार (शोधार्थी), 12(5),26 - 28 (2024) |
729 . |
जयशंकर प्रसाद के साहित्य में स्त्री चेतना डॉ. रेणु, 12(7),2 - 8 (2024) |
730 . |
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के दार्शनिक विचार एवं वर्तमान में इनकी प्रासंगिकता मीनाक्षी (शोधार्थी),डॉ. महेश कुमार गंगल (निर्देशक), 12(7),9 - 16 (2024) |
731 . |
स्वच्छ भारत अभियान में कामकाजी महिलाओं के सशक्तिकरण का अध्ययन (इंदौर जिले के विशेष सन्दर्भ में) प्रतिभा मात्रे (शोधार्थी), 12(7),17 - 23 (2024) |
732 . |
आधुनिकता, समकालीनता, समसामयिकता और नवीनता के घटक तत्व डॉ. रीता तिवारी, 12(7),24 - 33 (2024) |
733 . |
विनोद कुमार शुक्ल का काव्य संसार अंजू कृष्णियाँ (शोधार्थी), डॉ. स्वर्णा ( शोध निर्देशिका), 12(7),34 - 39 (2024) |
734 . |
मध्याह्न भोजन व्यवस्था का बच्चों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर प्रभाव : एक अध्ययन डॉ. रेखा सोलंकी, 12(9),2 - 8 (2024) |
735 . |
हिन्दी भाषा अनुवाद और चुनौतियां अश्विनी चौधरी (शोधार्थी),डॉ. सुरेन्द्र कुमार जैन (निर्देशक), 12(9),9 - 12 (2024) |
736 . |
भारतीय इतिहास की दृष्टि में हिंदी का उन्मेष डॉ. सहदेवसिंह चौहान, 12(10),2 - 9 (2024) |
737 . |
Life Skills and Stress, Coping Patterns in Transient Stage of Tribal Adolescent (With special reference to Jhabua District) Ashish Bhabar (Researcher), 12(10),10 - 20 (2024) |
738 . |
भगवदगीता में दर्शन का स्वरूप पुरुषोत्तम कुमार सिंह (शोधार्थी), 12(10),21 - 24 (2024) |
739 . |
जीवन की अर्थपूर्णता डॉ.सिपु जायसवाल, 12(10),25 - 31 (2024) |
740 . |
प्राचीन भारत में इतिहास लेखन : एक अध्ययन मनोज सिंह (शोधार्थी), 12(11),3 - 9 (2024) |
741 . |
बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों की साइबर संसाधनों की उपयोगिता का उनके शिक्षण अभियोग्यता पर प्रभाव का अध्ययन ऋषिकेश जाटव (शोधार्थी), 12(11),10 - 15 (2024) |
Editorial