Volume 3, Issue (12), Pages 1-60, October (2015) |
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1 . |
सम्पादकीय:गोरक्षा का वीभत्स पहलु डॉ.पुष्पेंद्र दुबे, 3(12),1 - 1 (2015) |
2 . |
बौद्ध धर्म-दर्शन में उपेक्षा ब्रह्मविहार भावनाः एक अनुशीलनी डॉ. ज्ञानादित्य शाक्य (सहायक प्राध्यापक), 3(12),2 - 11 (2015) |
3 . |
‘विराट’ के गीतों में प्रेम और प्रकृति श्रद्धा दुबे (शिक्षिका ), 3(12),12 - 18 (2015) |
4 . |
चित्रा मुद्गल की कहानियों में आधुनिकता बोध प्रियंका वर्मा (शोधार्थी), 3(12),19 - 22 (2015) |
5 . |
अमृतलाल नागर के उपन्यासों में नारी जीवन की समस्याएं संतोष मीणा (शोधार्थी), 3(12),23 - 26 (2015) |
6 . |
भारत की आर्थिक योजनाओं में मानव संसाधन विकास के प्रयास डॉ. अरविन्द शाह वरकड़े सहायक प्राध्यापक (अतिथि विद्वान), 3(12),27 - 33 (2015) |
7 . |
Values and Social Media Dr. Balbir Singh Jamwal – Principal, 3(12),sbd - v3 (2015) |
8 . |
प्रसाद के काव्य में नारी चित्रण: कामायनी के विशेष सन्दर्भ में चन्द्रकान्त तिवारी (यूजीसी नेट), 3(12),40 - 55 (2015) |
9 . |
महात्मा गांधी की ‘स्वराज’ की अवधारणा डॉ.रीता तिवारी (पी-एचडी., यू.सेट), 3(12),56 - 60 (2015) |
Editorial